अगर सच में CM बन गई तो…; रेखा गुप्ता को तो अलग ही थी टेंशन, सुनाया मजेदार किस्सा
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कहा है कि उनकी नाम की घोषणा होने तक उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी।

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कहा है कि उनकी नाम की घोषणा होने तक उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी भाजपा की सीएम ने कहा कि विधायक दल की बैठक में जब उनके नाम की घोषणा हुई ती उन्हें यकीन नहीं हो रहा था और तब तक उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
रेखा गुप्ता ने एक पॉडकास्ट में उस दिन का पूरा घटनाक्रम बताते हुए एक मजेदार किस्सा भी सुनाया। पत्रकार सुशांत सिन्हा को दिए इंटरव्यू में रेखा गुप्ता ने कहा कि उन्हें टेंशन इस बात की नहीं थी कि सीएम नहीं बनी तो क्या होगा, बल्कि इस बात की थी कि बन गई तो क्या होगा? रेखा गुप्ता ने हंसते हुए उस दिन की एंग्जाइटी और एक नेता से बातचीत के दौरान का दिलचस्प किस्सा सुनाया।
गुप्ता ने आगे कहा, 'एक मजेदार बात बताती हूं। मैं तैयार होकर घर से निकली। थोड़ी एंग्जाइटी तो थी अंदर से कि क्या होने वाला है, तो एक नेता हैं, उनके पास चले गए हो हमारे गार्जियन जैसे हैं। मैंने कहा कि इनसे बात करके दिमाग को थोड़ा शांत करते हैं। मैंने कहा कि बहुत एंग्जाइटी हो रही है। उन्होंने कहा कि क्या हुआ तो मैंने कहा कि बहुत एंग्जाइटी हो रही है। पता नहीं क्या होगा। उन्होंने कहा कि कुछ नहीं होगा जो होगा ठीक ही होगा। नहीं बने तो क्या होगा। जीवन में चलता रहता है। (हंसते हुए) मैंने कहा कि नहीं सर यह बात नहीं है कि नहीं बने तो क्या होगा, नहीं बने तो अच्छा है। मैं इस टेंशन में हूं बन गई तो क्या होगा। बन गई तो मैं क्या करूंगी। इतनी जोर से वो हंसे। मैंने कहा कि मैं विधायक रही तो अच्छी बात है, मंत्री बनी तो भी चला लूंगी। लेकिन मुख्यमंत्री बन गई तो मैं चलाऊंगी कैसे। ऐसा भी दिमाग में चल रहा था कि सच में ही बन गई तो क्या करूंगी, कैसे करूंगी।'
रेखा गुप्ता ने कहा कि वह मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं थीं। उन्होंने ना तो कभी ऐसा सोचा था ना कभी ऐसी तैयारी की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह खूबसूरती है कि जहां नए टैलेंट की तलाश की जाती है। नया नेतृत्व तैयार किया जाता है और हर वर्ग-हर समाज को सहभागिता दी जाती है। ऐसा भाजपा ही कर सकती है।
सीएम ने कहा, 'मेरा नाम पहले दिन से मीडिया में चलने लगा। उससे पहले मैंने भी नहीं सोचा था। मीडिया में अलग-अलग समीकरण के साथ सभी 48 विधायकों के नाम चल रहे थे। कुछ साथियों ने कहा कि यह बहुत गलत हो रहा है। मीडिया में चल रहा है तो होगा नहीं। मैंने कहा कि मैं क्या कर सकती हूं। मैंने ना तो चलवाया है ना मैं रुकवा सकती हूं। मैं विधायक के तौर पर अपने काम में लगी रही। एक साथी ने कहा कि आपको चार नेताओं से मिलना चाहिए। मैंने कहा कि यह भाजपा है, इसमें ऐसा नहीं होता है। अपने काम में लगे रहना है।' गुप्ता ने कहा कि उन्हें तब पता चला जब विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा गया और घोषणा हो गई।