Son killed father to get Rs 50 lakh life insurance money, Greater Noida blind murder case solved after 7 months बीमा के 50 लाख रुपए पाने को बेटे ने ली थी पिता की जान, ग्रेटर नोएडा में 7 माह बाद ब्लाइंड मर्डर केस सॉल्व, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Son killed father to get Rs 50 lakh life insurance money, Greater Noida blind murder case solved after 7 months

बीमा के 50 लाख रुपए पाने को बेटे ने ली थी पिता की जान, ग्रेटर नोएडा में 7 माह बाद ब्लाइंड मर्डर केस सॉल्व

ग्रेटर नोएडा में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक बेटे ने ही बीमा की रकम हड़पने के लिए अपने पिता की हत्या की थी। कासना कोतवाली पुलिस ने सात महीने की जांच और कड़ी मेहनत के बाद इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडा। हिन्दुस्तानSun, 23 March 2025 09:55 AM
share Share
Follow Us on
बीमा के 50 लाख रुपए पाने को बेटे ने ली थी पिता की जान, ग्रेटर नोएडा में 7 माह बाद ब्लाइंड मर्डर केस सॉल्व

ग्रेटर नोएडा में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक बेटे ने ही बीमा की रकम हड़पने के लिए अपने पिता की हत्या की थी। कासना कोतवाली पुलिस ने सात महीने की जांच और कड़ी मेहनत के बाद इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि मूलरूप से किशनगंज बिहार के रहने वाले प्रकाश बोसक परिवार के साथ सिकंदराबाद के बिस्वाना गांव में रहते थे। 8 अगस्त 2024 को कासना कोतवाली क्षेत्र के जंगल में प्रकाश बोसक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में मृतक के बेटे संतोष ने अज्ञात लोगों पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने छानबीन के बाद इस हत्याकांड का खुलासा कर दावा किया कि मृतक के बेटे संतोष ने ही अपने पिता प्रकाश बोसक की हत्या की थी।

ये भी पढ़ें:हरियाणा के बहादुरगढ़ में घर में हुआ विस्फोट, एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत

पुलिस ने बताया कि करीब 20 वर्ष पूर्व प्रकाश बोसक परिवार के साथ नोएडा में किराये पर रहते थे। प्रकाश और उसके बड़े बेटे संतोष ने वर्ष 2022 में निजी बैंक से लगभग साढ़े बारह लाख रुपये का होम लोन लेकर बुलंदशहर जिले में एक घर खरीदा था। इसकी प्रतिमाह किस्त लगभग 12,500 रुपये थी। हर महीने की किस्त चुका पाना मृतक के परिवार के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था, इसलिए संतोष और उसके पिता प्रकाश ने सोचा कि हम दूसरा लोन ले लेते हैं। इससे होम लोन खत्म हो जाएगा और कुछ पैसे भी मिल जाएंगे। इसी कारण उन्होंने दूसरी कंपनी से लगभग 21 लाख रुपये का लोन ले लिया। साढ़े बारह लाख रुपये निजी बैंक के होम लोन में जमा कर दिए और शेष लगभग 7,69,000 रुपये संतोष ने फर्म पीएसजी मसाला के बैंक खाते में जमा कर दिए।

इस लोन पर मृतक प्रकाश का जीवन बीमा 60 प्रतिशत का था। इस लोन की किस्त लगभग 27,000 रुपये प्रतिमाह थी। कुछ महीने तक तक किस्त देने में इन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन धीरे-धीरे बैंक का पैसा खत्म होने लगा और इनका काम भी ठीक नहीं चल रहा था। एक दिन संतोष को पता चला कि उसके पिता ने अपने 25-25 लाख रुपये के दो जीवन बीमा कराए हुए हैं, जिसमें संतोष की मां नाॅमिनी है।

संतोष का मसाला पैकेजिंग का काम था, जो उस समय अच्छा नहीं चल रहा था और वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। संतोष ने योजना बनाई कि यदि वह अपने पिता को मार देगा तो दोनों जीवन बीमा का पैसा लगभग 50 लाख उसे मिल जाएगा। जीवन बीमा का पैसा हड़पने के लिए उसने योजना के मुताबिक, उसने चाकू से अपने पिता की हत्या कर दी थी।

हत्या के तीन महीने बाद बीमा के रुपये लिए

पुलिस ने बताया कि पिता की हत्या करने के बाद आरोपी बेटे संतोष ने तुरंत अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और मृत्यु के तीन महीने के अंदर ही जीवन बीमा की रकम लगभग 50 लाख रुपये अपनी मां के बैंक के खाते में प्राप्त कर लिए। जीवन बीमा का पैसा मिलने पर पुलिस को उस पर शक हुआ। पुलिस ने धीरे-धीरे इस प्रकरण की जांच की और आरोपी बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।