घरेलू विवाद में किसी की नौकरी पर रोक लगाना उत्पीड़न, कैट ने SSC परीक्षा पास युवक को दी राहत
केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एसएससी परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी नहीं पाने वाले युवक को बड़ी राहत दी है। कैट ने केन्द्र सरकार व एसएससी को निर्देश दिया है कि युवक की उम्मीदवारी को सफल अभ्यर्थी के तौर पर लिया जाए।

केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी नहीं पाने वाले युवक को बड़ी राहत दी है। कैट ने केन्द्र सरकार व एसएससी को निर्देश दिया है कि इस युवक की उम्मीदवारी को सफल अभ्यर्थी के तौर पर लिया जाए। तीन महीने में इसकी नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
कैट ने कहा कि पारिवारिक विवाद के कारण किसी अभ्यर्थी की नौकरी पर रोक लगाना उत्पीड़न के समान व्यवहार है। कैट के न्यायिक सदस्य हरविंदर कौर ओबरॉय एवं प्रशासनिक सदस्य सुमित जेरथ की बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि इस मामले की सुनवाई के दौरान पाया गया कि जतिन नामक युवक ने एसएससी की परीक्षा पास की थी। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी हो गया। इस बीच पाया गया कि उसके खिलाफ घरेलू विवाद के चलते एक मुकदमा दर्ज है। आपराधिक मुकदमे के चलते उसकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया, जबकि वह तमाम मानकों पर खरा उतरा था। इसी साल एक मार्च को जतिन के खिलाफ दर्ज घरेलू विवाद के मुकदमे को अदालत ने खारिज कर दिया।
इस मामले में उम्मीदवार जतिन कुमार ने अपने वकील अनुज अग्रवाल के माध्यम से कैट में नौकरी पर रखे जाने का आग्रह करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया था कि उसने वर्ष 2023 में एसएससी की परीक्षा दी थी। 6 दिसंबर 2023 को इस परीक्षा का नतीजा आया। इस नतीजे में वह अच्छे रैंक से पास हुआ। तमाम मानकों को पूरा होने के बावजूद उसकी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया। इसकी वजह यह थी कि उसके भाई व भाभी के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा था। इसके चलते भाभी ने ससुराल के तमाम लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा करा दिया था। हालांकि, एक मार्च 2025 को सत्र अदालत ने जतिन पर लगे आरोपों को बेबुनियाद पाते हुए उसे बरी कर दिया।
एएसओ के पद पर हुआ था सफल
जतिन कुमार ने एसएससी परीक्षा के तमाम मानकों को सफलतापूर्वक पास करते हुए केन्द्रीय सचिवालय सेवा में सहायक अनुभाग अधिकारी (एएसओ) के पद पर नियुक्ति पाई थी। लेकिन पारिवारिक विवाद के सामने आने पर उसकी नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद रोक दिया गया था। कैट ने संबंधित विभागों को कहा है कि यह युवक पहले ही बहुत प्रताड़ना झेल चुका है। अब बगैर देरी करे उसकी नियुक्ति पर तीन महीने में प्रक्रिया पूरी करें।