Eastern Cross taxi-way at Delhi airport expected to open next month दिल्ली एयरपोर्ट पर ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनकर तैयार, अगले माह खुलने की उम्मीद, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Eastern Cross taxi-way at Delhi airport expected to open next month

दिल्ली एयरपोर्ट पर ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनकर तैयार, अगले माह खुलने की उम्मीद

एयरपोर्ट पर विमान को एक से दूसरे टर्मिनल तक ले जाना अब आसान होने जा रहा है। इसके लिए डायल कंपनी द्वारा स्पाइनल रोड पर ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनाया गया है। सुरक्षा जांच भी लगभग पूरी हो चुकी है।

Praveen Sharma नई दिल्ली। अमित झा, Sat, 25 March 2023 07:20 AM
share Share
Follow Us on
दिल्ली एयरपोर्ट पर ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनकर तैयार, अगले माह खुलने की उम्मीद

दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान को एक से दूसरे टर्मिनल तक ले जाना अगले माह से आसान होने जा रहा है। इसके लिए डायल कंपनी द्वारा स्पाइनल रोड पर ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनाया गया है। सुरक्षा जांच भी लगभग पूरी हो चुकी है। इसमें अधिकारियों द्वारा कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा। अप्रैल में पहली बार इस पर विमान के चलने की उम्मीद है।

एयरपोर्ट पर विमान को एक से दूसरे टर्मिनल पर जाने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है। इससे समय खराब होता है और ईंधन की बर्बादी होती है, इसलिए ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनाया गया है। इसके जरिये टर्मिनल एक को तीन से जोड़ा गया है। अब इसके जरिये विमान सीधे टर्मिनल एक से तीन तक जा सकते हैं।

डायल के सूत्रों ने बताया कि इसका निर्माण पूरा करने के बाद इसकी सुरक्षा जांच करवाई गई है। यहां सुरक्षा की दृष्टि से दोनों कैरिज-वे के बीच में बनी जगह को जाली से घेरा गया है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि ऊपर से विमान के गुजरते समय किसी प्रकार की वस्तु ऊपर न फेंकी जा सके। यहां टैक्सी-वे के नीचे से ट्रैफिक चलता रहेगा और ऊपर से विमान एक तरफ से दूसरी तरफ जाएंगे।

ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे की सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। यहां नीचे से ऊपर तक 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा यहां इंट्रयूजन डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है।

टैक्सी-वे के बनने से ये होगा लाभ

● 55 हजार टन कार्बन डाइऑक्साड उत्सर्जन में वार्षिक कमी की संभावना

● विमान को रन-वे पर पहुंचने में कम समय लगेगा, जिससे यात्रियों का समय बचेगा

● दूसरे टर्मिनल तक जाने वाली दूरी 9 किलोमीटर से घटकर 2.2 किलोमीटर रह जाएगी।

● इससे प्रत्येक विमान का लगभग 350 किलो ईंधन हर बार बचने की उम्मीद।