कौन हैं आप नेता दुर्गेश पाठक? जिनके घर CBI का छापा पड़ते ही AAP नेताओं ने मचाया कोहराम
- सीबीआई रेड के बाद से लगातार आप नेताओं ने एक्स पर भाजपा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि सीबीआई ने बताया कि यह रेड फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी एक्ट के तहत की गई है। जानिए कौन हैं आप नेता दुर्गेश पाठक…

आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली में विधायक रहे दुर्गेश पाठक के घर आज सुबह सीबीआई ने छापा मारा है। सीबीआई रेड के बाद से लगातार आप नेताओं ने एक्स पर भाजपा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि सीबीआई ने बताया कि यह रेड फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी एक्ट के तहत की गई है।
आप नेताओं के आरोप हैं कि गुजरात चुनाव की कमान दुर्गेश पाठक को सौंपने के बाद से ये एक्शन शुरू हुए हैं। आप ने उन्हें राज्य में साल 2027 में होने जा रहे चुनावों के लिए उन्हें गुजरात सह-प्रभारी बनाया गया है। आप का आरोप है कि सीबीआई की ये रेड कोई इत्तेफाक नहीं, ये बीजेपी की डर से निकली साजिश है।
कलेक्टर बनने आया लड़का बना विधायक
दुर्गेश पाठक ने साल 2022 में दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को जीता था। इस जीत पर उनके पिता मथुरा पाठक ने कहा था कि मेरा सपना था कि मेरा बेटा कलेक्टर बने, लेकिन विधायक बन जाने पर भी उन्हें कोई मलाल नहीं है। दरअसल उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में रहने वाले दुर्गेश 12वीं तक पढ़ाई-लिखाई पूरी करके ग्रेजुएशन करने दिल्ली चले आए थे। इस बीच उन्होंने सिविल सर्विस की भी तैयारी की थी।
UPSC से बढ़ी दूरियां तो राजनीति में हुई एंट्री
सिविल सर्विस की पढ़ाई और ग्रेजुएशन के दौरान दुर्गेश अन्ना आंदोलन का हिस्सा बने। आंदोलन से लगातार संपर्क में रहने के कारण दुर्गेश का संपर्क नई बनी आम आदमी पार्टी से भी हुआ और वे इससे जुड़े रहे। पार्टी में उन्हें जिम्मेदारियां मिलने लगीं। साल 2013 में केजरीवाल के लिए चुनाव अभियान में बड़ी भूमिका निभाई और दिल्ली की मौजूदा सीएम शीला दीक्षित को हराने में मदद की। इसके बाद पार्टी ने उन्हें अहम पद देने शुरू किए।
पार्टी में दुर्गेश की मौजूदगी और मिले मौके
पार्टी को दुर्गेश पाठक पर भरोसा होने लगा था। अब राजनीतिक मामलों में उनकी मौजूदगी बढ़ने लगी थी। पार्टी ने पहले राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य और फिर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी प्रभारी बनाया। इसके बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव में आप का चुनाव प्रभारी बनाया। तब तक 2022 आ चुकी थी। यही वो मौका था जब दुर्गेश को पार्टी ने विधायक बनने का मौका दिया। दरअसल दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने थे। पार्टी के दिए अवसर को दुर्गेश ने भुनाया और जीत दर्ज करके एमएलए बने। तब भाजपा नेता राजेश भाटिया को 1100 वोटों से हराया था।
2020 के चुनाव में मिली थी हार
हालांकि 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनवा में भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए करावल नगर सीट से टिकट दी थी, लेकिन वो चुनाव हार गए थे। उनके सामने थे भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन सिंह बिष्ट। उन्हें 96721 वोट मिले थे, जबकि दुर्गेश को 88498।