Mahamrityunjaya Mantra japne ka niyam aur fayde kya hai महामृत्युंजय मंत्र जपने का नियम और फायदा क्या है?
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महामृत्युंजय मंत्र जपने का नियम और फायदा क्या है?

Mahamrityunjaya Mantra: देवों के देव महादेव की पूजा मात्र से सारी दुख-तकलीफें दूर होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। भगवान शिव का शास्त्रोक्त मंत्र महामृत्युंजय जपने से रोग-दोष दूर होते हैं। यह मंत्र बहुत शक्तिशाली माना जाता है। शास्त्रों में इस मंत्र को जपने के नियम और फायदे बताए गए हैं।

Dheeraj PalSat, 31 May 2025 01:34 PM
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महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पतिवेदनम्। उर्वारुकमिव बन्धनादितो मुक्षीय मामुतः ॥

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मंत्र का अर्थ

भगवान त्र्यम्बक शिवजी से प्रार्थना है कि जिस प्रकार ककड़ी का परिपक्व फल वृन्त से मुक्त हो जाता है, उसी प्रकार हमें आप जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त करें, हम आपका यजन करते हैं।

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लाभ

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के कई लाभ बताए गए हैं। इस मंत्र के जाप से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है। साथ ही मृत्यु के भय को दूर करता है और एक शांत और सकारात्मक जीवन जीने में मदद करता है।

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ये दोष होंगे दूर

इसके अलावा मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, काल सर्प दोष आदि को दूर करता है। इस मंत्र के जप से आयु में वृद्धि होती है और व्यक्ति को एक लंबा और स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।

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कितनी बार करें जाप

महामृत्युंजय मंत्र का जप किसी भी समय किया जा सकता है। ब्रह्म मुहूर्त में इसका जाप करना उत्तम माना गया है। इस मंत्र का जाप अपनी सुविधा अनुसार 27, 54, 108 बार कर सकते हैं।

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कैसा हो आसन

एक निश्चित स्थान पर बैठकर जाप करना चाहिए और प्रतिदिन उसी स्थान पर मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र जाप के लिए कुशा का आसान या ऊन के बने सफेद आसन का प्रयोग करना चाहिए।

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सही दिशा

मंत्र का जाप करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख रखना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर भी करके जप कर सकते हैं। मंत्र जाप करते समय धूप, दीप, जलाएं और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर जाप करें।

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नोट

यह खबर विभिन्न माध्यमों, धर्म ग्रंथों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए धर्म विशेषज्ञ से उचित सलाह लें।