Donald Trump 7 leaders have reached the White House so far in how was the behavior of the US President डोनाल्ड ट्रंप 2.0 में अभी तक 7 नेता पहुंचे व्हाइट हाउस, कैसा रहा अमेरिकी राष्ट्रपति का व्यवहार; PHOTOS
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डोनाल्ड ट्रंप 2.0 में अभी तक 7 नेता पहुंचे व्हाइट हाउस, कैसा रहा अमेरिकी राष्ट्रपति का व्यवहार; PHOTOS

  • डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद से अभी तक 7 नेता व्हाइट हाउस पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने जबरदस्त डिप्लोमैसी के साथ ट्रंप को संभाला वहीं जेलेंस्की, जॉर्डन किंग और जापानी पीएम इशिबा को असहजता का सामना करना पड़ा।

Upendra ThapakSun, 2 March 2025 10:10 AM
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अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

20 जनवरी को शपथ लेने के बाद से ही ट्रंप ने अमेरिकी राजनीति की दिशा और दशा को बदल दिया है। बाइडन के समय में दो बड़े युद्धों में उलझ चुके अमेरिका को ट्रंप ने आते ही शांति के रास्ते पर ले जाने की कोशिश की। अपने आउट ऑफ द बॉक्स सुझावों से उन्होंने दुनियाभर के नेताओं को अपनी वैश्विक नीति के बारे में फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया। दोबारा सत्ता में आए ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि अपने पिछले अनुभव के आधार पर अब अमेरिका के लिए उनका विजन और भी ज्यादा साफ है कि किसके साथ उन्हें क्या व्यवहार करना है। तो आइए जानते हैं कि ट्रंप से मिलने पहुंचे नेताओं के साथ ट्रंप का व्यवहार कैसा रहा और उनके साथ किस डील पर बात हुई..

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के बाद इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू पहले वैश्विक नेता थे, जो व्हाइट हाउस पहुंचे थे। ट्रंप ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। ट्रंप खुद नेतन्या्हू को लेने व्हाइट हाउस के दरवाजे तक आए। ट्रंप के सत्ता में आने से पहले ही इजरायल और हमास गाजा में शांति के लिए तैयार हो गए थे। ऐसे में ट्रंप नेतन्याहू को भरपूर सपोर्ट किया और इजरायल की मांग से भी ज्यादा देने की पेशकश कर दी। ट्रंप ने आउट ऑफ द बॉक्स जाते हुए गाजा पर अमेरिकी आधिपत्य की बात कर दी। इतना ही नहीं नेतन्याहू और इजरायली सेना के खिलाफ जांच बैठाने वाले इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर भी ट्रंप ने सेंक्शन्स लगा दिए। पीएम नेतन्याहू के लिए यह दौरा किसी जीत से कम नहीं रहा।

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जापानी प्रधानमंत्री इसीबा

जापान के प्रधानमंत्री ईसीबा ट्रंप 2.0 में व्हाइट हाउस पहुंचने वाले दूसरे वैश्विक नेता बने। अपने पहले कार्यकाल के दौरान शिंजो आबे के साथ अपनी घनिष्ठता के लिए पहचाने जाने वाले ट्रंप के लिए इशीबा पहले से ही प्लान तैयार करके ले गए थे। जापान के साथ बढ़ते व्यापारिक घाटे को ट्रंप ने सीधे तौर पर इसीबा के सामने रखा और यहां पर जापान ने अपना प्लान सामने रखा। जापान ने अमेरिका में 1 ट्रिलियन डॉलर के निवेश के प्लान को सामने रखा। इस मुद्दे के अलावा जापानी पीएम का यह जापानी दौरा शानदार रहा।

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जॉर्डन किंग अब्दुल्ला 2

इजरायली प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने अपने विवादास्पद गाजा प्लान की घोषणा कर दी थी। इसमें जॉर्डन के लिए भी जगह थी। लेकिन जार्डन किंग ने पहले यह योजना पर सहमति देने और फिलिस्तनियों को जार्डन में बसाने से इनकार कर दिया। लेकिन ट्रंप ने जॉर्डन और इजिप्ट को सीधे तौर पर धमकी देते हुए कहा कि अगर वह उनकी बात को नहीं सुनते हैं तो उनको दी जाने वाली मदद को बंद कर दिया जाएगा और टैरिफ लगाए जाएंगे। ट्रंप से बैठक के बाद जार्डन किंग 2000 फिलिस्तीनी बच्चों को लेने के लिए तैयार हो गए।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस पहुंचने वाले चौथे वैश्विक नेता बने। अपनी डिप्लोमैसी के लिए पहचाने जाने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उनके साथ थे। पीएम मोदी के दौरे के पहले ही ट्रंप भारत की तरफ से लगने वाले टैरिफ को लेकर मीडिया के सामने अपनी राय रख चुके थे। भारत सरकार भी ट्रंप की इस दुविधा को समझने के लिए तैयार थी। ऐसे में पीएम मोदी जब व्हाइट हाउस पहुंचे तो ट्रंप ने 'तुम्हें मिस किया मेरे दोस्त' कहकर उनका अभिवादन किया। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर बात की और एक दूसरे की जरूरत को समझा। भारत अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों को वापस लेने के लिए तैयार हुआ। इसके साथ ही व्यापार घाटे को कम करने के लिए अमेरिका से तेल, गैस और रक्षा सामग्री खरीदने के लिए तैयार हुआ। जहां तक बांग्लादेश की बात रही तो ट्रंप ने इसको भारत को सौंपते हुए कहा कि इस मुद्दे पर क्या करना है इसे प्रधानमंत्री देखेंगे।

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फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन डोनाल्ड ट्रंप 2.0 में व्हाइट हाउस पहुंचने वाले पांचवे वैश्विक नेता बने। यूक्रेन मुद्दे पर और नाटो में खर्चे को लेकर ट्रंप के विरोध का सामना कर रहे यूरोप की तरह से यह पहले राष्ट्राध्यक्ष थे। अपने अनुभव के आधार पर मैक्रॉन ने शांति के साथ ट्रंप की गलत बातों का भी जवाब दिया। मीडिया के सामने जब ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन की मदद की है, जबकि यूरोपीय देशों ने उसको उधार दिया है। इस पर मैक्रॉन ने उन्हें बीच में ही टोकते हुए कहा कि.. नहीं ऐसा नहीं है। हमारी ज्यादातर मदद शांति के लिए थी किसी कर्जे के तौर पर नहीं।

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ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर व्हाइट हाउस पहुंचने के पहले अपनी तैयारी करके गए थे। ट्रंप की मांग के अनुसार उन्होंने ब्रिटेन द्वारा नाटो में किए जाने वाले खर्चे को बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया। साथ ही अमेरिका से आने वाले सामानों पर भी टैरिफ को कम करने की घोषणा कर दी। इसके बाद वह व्हाइट हाउस पहुंचे। यूरोप से आने वाले यह दूसरे राजनेता थे। ट्रंप के साथ कीर ने मैक्रॉन की ही तरह शांति के साथ अपनी बात रखी। दोनों नेताओं के बीच में अच्छी बातचीत हुई। ट्रंप ने एक बार फिर जब यूक्रेन को यूरोप की तरह से कर्जे के रूप में मिलने वाली मदद का मुद्दा उठाया तो उन्होंने भी इसका विरोध किया।

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यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की

27 फरवरी को अमेरिका पहुंचे यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का व्हाइट हाउस का दौरा हमेशा याद रखा जाएगा। अमेरिका से साथ खनिज डील साइन करने के लिए अमेरिका पहुंचे जेलेंस्की का स्वागत ट्रंप ने खुद दरवाजे पर खड़े होकर किया। मीडिया से सामने बातचीत में शुरुआत में तो सबकुछ ठीक रहा लेकिन धीरे-धीरे बात बिगड़ गई। फिर उसके बाद दुनिया ने ऐसा कुछ देखा जो शायद टीवी पर पहले कभी नहीं देखा गया। दो देशों के राष्ट्रपति आपस में गले-मोहल्ले की लड़ाई की तरह चिल्लम-चिल्ली करते नजर आए। विशेषज्ञों के मुताबिक यूक्रेन अमेरिका की मदद की दम पर युद्ध में तीन सालों तक बना हुआ है। ऐसे में ट्रंप के सामने उन्हें थोड़ी शांति के साथ अपनी बात रखनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह मीडिया से सामने ही ट्रंप और वेंस से उलक्ष पड़े। इसके बाद डील कैंसिल हो गई और जेलेंस्की बिना खाना खाए ही व्हाइट हाउस से निकल गए। इसके बाद ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं है। जब वह शांति के लिए तैयार हो वह वापस व्हाइट हाउस आ सकते हैं।