audience wish these memorable characters of Hindi films had not died in the end काश हिंदी फिल्मों के ये यादगार किरदार अंत में मरे नहीं होते, नहीं मरते आनंद, कुंदन भी होता जिंदा
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काश हिंदी फिल्मों के ये यादगार किरदार अंत में मरे नहीं होते, नहीं मरते आनंद, कुंदन भी होता जिंदा

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बड़ी खासियत उसके जुड़ाव रखने वाले किरदार हैं। फिल्म में हंसाने-रुलाने वाले ये किरदार जब एंडिंग में मर जाते हैं तो सबसे ज्यादा दुख ऑडियंस को ही होता है। शोले के जय के मरने पर कितनों ने आंसू बहाए थे, आनंद के मरने का भी दुख हुआ होगा।

Usha ShrivasWed, 28 May 2025 05:06 PM
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काश ये किरदार कभी मरे नहीं होते

हिंदी फिल्मों के इन किरदारों को स्क्रीन पर देखकर हंसी और रोना आया होगा। मेकर्स ने कहानी और इन किरदारों को ऑडियंस के दिलों में ऐसे बसाया दिया था कि जब हम आपके हैं कौन की पूजा मरी तो हॉस्पिटल में बेड पर उन्हें मरते देख स्क्रीन के सामने बैठी ऑडियंस आंसू पोंछ रही थी।

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आनंद

1971 में आई राजेश खन्ना की फिल्म आनंद में किसी को अंदाजा ही नहीं हुआ होगा कि हंसने-हंसाने वाला आनंद मर जाएगा। मरते हुए आनंद को देखकर कितनी ही बार मन में ख्याल आया होगा कि अब कोई चमत्कार होगा और ये किरदार जी उठेगा। डायरेक्टर के हाथ में तो ये चमत्कार करने की कला थी।

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जय-शोले

1975 में आई आइकॉनिक फिल्म शोले में सबसे खास जय और वीरू की जोड़ी थी। क्या शानदार दोस्ती थी दोनों के बीच। दोस्ती, जिससे जलन होने लगे। फिल्म में तो हमेशा हैपी एंडिंग ही दिखाई जाती है, लेकिन जय का मरना, किसी भी सिने फैन के लिए हैपी एंडिंग नहीं थी। वो दोस्ती टूटी नहीं खत्म हो चुकी थी। काश जय का किरदार मरा नहीं होता।

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पूजा-हम आपके हैं कौन

सलमान खान की फैमिली ड्रामा फिल्म हम आपके हैं कौन के किरदारों ने तो जैसे हर घर में अपनी पहचान बना ली थी। फिल्म के क्लाइमेक्स में पूजा की सीढ़ियों से गिरकर मौत कुछ वैसी ही थी जैसे ऑडियंस ने किसी अपने को खो दिया हो।

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देवदास

संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास में शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय ने लीड रोल निभाया था। फिल्म में देवदास का पारो के घर के सामने मर जाना दिल चीर देने जैसा था। ऑडियंस को देव की मौत से ज्यादा पारो का उससे ना मिल पाने का दुख था।

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सत्या

1998 में आई राम गोपाल वर्मा ने एक जबरदस्त गैंगस्टर ड्रामा फिल्म बनाई थी सत्या। वैसे तो लीड हीरो ही ऑडियंस की पसंद होता है। लेकिन इस फिल्म में मनोज बाजपाई के किरदार भीकू म्हात्रे के किरदार जान डाल दी। फिल्म में भीकू की मौत दुखद थी।

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अमन माथुर-कल हो ना हो

साल 2003 में आई फिल्म कल हो ना हो में अमन शाहरुख खान के किरदार अमन माथुर की मौत पर तो सेट पर ही एक्टर्स ने असल में आंसू बहाए थे। काश अमन का किरदार फिल्म में जिंदा होता।

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कुंदन-रांझणा

साल 2013 में धनुष और सोनम कपूर की फिल्म रांझणा एक अलग तरह की अधूरी लव स्टोरी है। इस फिल्म से उस समय के युवा प्रभावित हुए थे। फिल्म के अंत में प्यार में जान देने वाले कुंदन की कहानी भूली नहीं गई। कुंदन को मरना नहीं चाहिए था।

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वरुण-लूटेरा

रणवीर सिंह और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म लूटेरा बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप थी। लेकिन ये एक कमाल की फिल्म थी। इस फिल्म में अंत में रणवीर के किरदार वरुण की मौत हो जाती है। ये मौत रुला देती है।

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महाबीर-हाईवे

साल 2014 में आई आलिया भट्ट और रणदीप हुड्डा की फिल्म हाईवे को पसंद करने वालों एक अलग ऑडियंस है। फिल्म में वीरा, महाबीर के साथ पहाड़ों पर घर बनाने का सपना देखती है और एक गोली की आवाज के साथ सपना टूट जाता है। महाबीर का मरना दिल में टीस पैदा कर देता है।