अमिताभ बच्चन 70 के दशक में अपनी पहचान बनाने में लगे हुए थे। इस दशक के शुरुआती साल एक्टर के करियर के लिए मुश्किल थे। उनकी फिल्में खास कमाल नहीं कर रही थीं। उनका स्टेटस एक फ्लॉप और कम पॉपुलर एक्टर का माना जाता था।
अमिताभ बच्चन को इसी समय एक फिल्म ऑफर की गई थी जिसका नाम था ‘अपना पराया’। कुंदन कुमार के डायरेक्शन में बन रही इस फिल्म में पहले रेखा और जया बच्चन को कास्ट किया जाना था। फिल्म के गानों को लता मंगेशकर। आशा भोसले और मोहम्मद रफी की आवाज में गवाया गया।
इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन बहुत मेहनत कर रहे थे। उन्होंने रेखा के साथ लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी की आवाज में गाया हुआ गाना ‘ये चेहरा, ये जुल्फें जादू सा कर रहा है' रेखा और अमिताभ पर फिल्माया भी जा चुका था।
लेकिन अचानक डायरेक्टर कुंदन कुमार ने अमिताभ बच्चन को फिल्म से निकाल दिया। उन्होंने इस फिल्म में संजय खान को कास्ट किया और फिल्म की शूटिंग फिर से शुरू की।
इस फिल्म से अमिताभ बच्चन को निकालने के पीछे डायरेक्टर कुंदन कुमार ने डिस्ट्रीब्यूटर के हवाले से कहा कि अमिताभ का स्टेटस एक फ्लॉप और कम पॉपुलर एक्टर का है। इस फिल्म को कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर खरीदने के लिए राजी नहीं होगा। इसलिए एक्टर को रिप्लेस किया गया।
अमिताभ बच्चन के साथ इस फिल्म का नाम ‘अपना पराया’ रखा गया था। लेकिन बाद में जब इस फिल्म के हीरो संजय खान बने तो फिल्म का नाम ‘दुनिया का मेला’ रख दिया गया। इस फिल्म की शूटिंग 1973 के दौरान हुई थी।
अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म के गाने के लिए रेखा के साथ शूटिंग की थी। बाद में ये गाना संजय खान और रेखा पर फिल्माया गया है। मोहम्मद रफी की आवाज में गाया हुआ ये गाना अमिताभ बच्चन-रेखा और संजय खान-रेखा पर यूट्यूब पर देखा जा सकता है।
हैरानी वाली बात ये है कि जब अमिताभ बच्चन को इस फिल्म से बाहर किया गया उसके ठीक बाद उनकी फिल्म जंजीर आई जिसने कमाई का नया रिकॉर्ड बना दिया। इस फिल्म ने अमिताभ को सुपरस्टार बना दिया था।