अनुशासित जीवन व्यक्ति के लिए सफलता की राह को आसान बना देता है। यही वजह है कि पेरेंट्स अपने बच्चों को शुरू से ही डिसिप्लिन में रखने की कोशिश करते रहते हैं। हालांकि कई बार ऐसा करते हुए उनसे कुछ गलतियां भी हो जाती हैं। जो ना सिर्फ बच्चों के मन में अपने अभिभावकों के लिए मन में क्रोध और द्वेष का भाव उत्पन्न करती हैं बल्कि भावनात्मक रूप से भी बच्चों को माता-पिता से दूर कर देती हैं। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बच्चों को अनुशासित करना सही बात है, लेकिन ऐसा करते हुए पेरेंट्स अक्सर कुछ बड़ी गलतियां कर बैठते हैं, जो बच्चे को खुद उनसे दूर कर देती है। Pic Credit: Shutterstock
अकसर देखा जाता है कि माता-पिता बच्चे को सही चीज सिखाने के लिए भी कई बार नेगेटिव तरीका और बातें अपनाने लगते हैं। जिससे खुद बच्चों का मन बहुत नेगेटिव हो जाता है और वह माता-पिता के उस रवैया को लंबे समय तक अपने दिमाग में बनाए रखते हैं। Pic Credit: Shutterstock
कई बार पेरेंट्स बच्चों को तो डिसिप्लिन में रखना चाहते हैं लेकिन खुद उन्हीं के सामने अनुशासनहीन व्यवहार करने लगते हैं। याद रखें बच्चा जैसा आपको करते हुए देखेगा वैसा ही खुद भी करने लगेगा। यही वजह है कि विशेषज्ञ पेरेंट्स को यह सलाह देते हैं कि बच्चे के सामने ऐसी कोई चीज न करें, जो उसके दिमाग पर बुरा असर डाले। Pic Credit: Shutterstock
पेरेंट्स कई बार अपने बच्चे को अनुशासित करने के लिए बेहद सख्त नियम बना देते हैं। जिनका पालन करना किशोर बच्चों के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो यह गलती करने से बचें। बच्चों के लिए सख्त नियम बनाने की जगह उन्हें समय की अहमियत समझाएं। Pic Credit: Shutterstock
एक्सपर्ट मानते हैं कि कई बार पेरेंट्स बच्चों को अनुशासन में रखने के चक्कर में उनकी हर बात को अनसुना करके अपनी बात और सोच उनपर लादने लगते हैं। पेरेंट्स का ये व्यवहार बच्चों में नेगेटिविटी भर सकता है। ऐसी गलती ना करें। आपके ऐसा करने से आपका बच्चा आपसे कभी कोई बात भविष्य में शेयर नहीं करेगा। Pic Credit: Shutterstock
कई बार पेरेंट्स बच्चे को अनुशासित करने के लिए उसे हर छोटी-बड़ी गलती करने पर डांटते-फटकारते और सजा देते रहते हैं। ऐसा बिल्कुल ना करें, ऐसा करके आप बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर कर सकते हैं। बच्चे को गलती करने पर प्यार से समझाएं। Pic Credit: Shutterstock
बढ़ते कॉम्पिटिशन के दौर में आजकल पेरेंट्स बच्चों पर अच्छे अंक लाने के लिए हर समय पढ़ने का दवाब बनाए रखते हैं। यह दबाव बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे उन्हें चिंता, अवसाद और आत्मसम्मान की कमी जैसी समस्याएं घेर सकती हैं। बच्चों पर पढ़ाई का अनावश्यक दबाव डालने की जगह उन्हें सकारात्मक माहौल दें। Pic Credit: Shutterstock