इंडियन कुकिंग में सरसों के तेल का भरपूर इस्तेमाल होता है। रोज की दाल-सब्जी हो या कोई स्पेशल डिश, उसमें सरसों के तेल का तड़का जो जायका एड करता है, उसकी बात ही अलग है। इसका स्ट्रांग फ्लेवर और तीखी खुशबू स्वाद को नेक्स्ट लेवल ले जाती है और ये हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है। वैसे आजकल अलग-अलग तरह के कुकिंग ऑयल काफी इस्तेमाल होने लगे हैं, जिस वजह से कई लोग सरसों के तेल का यूज जरा कम करने लगे हैं। हालांकि कुछ सब्जियां ऐसी हैं जिन्हें अगर आप सरसों के तेल में बनाएंगी तो उनका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है। साथ ही ये सेहत के लिए भी और ज्यादा फायदेमंद हो जाती हैं।
भिंडी की सब्जी कुरकुरी और स्वादिष्ट बनानी है, तो सरसों के तेल का ही इस्तेमाल करें। बाकी किसी तेल में बनी भिंडी में हल्का चिपचिपापन रह ही जाता है और वो सॉगी सी हो जाती है। इसके अलावा सरसों के तेल में बनी भिंडी पाचन के लिए भी अच्छी होती है। क्योंकि भिंडी पहले से ही फाइबर रिच होती है और सरसों का तेल उसके एब्जॉरपशन को बढ़ावा देने का काम करता है।
करेले की सूखी सब्जी बना रही हों या भरवां करेला, इन्हें भी सरसों के तेल में ही बनाना चाहिए। दरअसल सरसों का तेल करेले की कड़वाहट को बैलेंस करने और उसे क्रिस्पी बनाने में मदद करता है। सरसों के तेल में बने करेले में अनोखी खुशबू और फ्लेवर भी आता है। इतना ही नहीं ये करेले के ब्लड शुगर कंट्रोलिंग इफेक्ट को भी एन्हांस करता है।
पंजाबी स्टाइल देसी आलू बैंगन की सब्जी बनानी है तो सरसों के तेल में तड़का लगाएं। आलू और बैंगन जब मसालों के साथ सरसों के तेल में फ्राई होते हैं, तो उनकी खुशबू, स्वाद और टेक्सचर तीनों बढ़ जाते हैं और एक ऑथेंटिक पंजाबी टेस्ट मिलता है। इतना ही नहीं सरसों के तेल की एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज, इस सब्जी को और भी ज्यादा हेल्दी और गट फ्रेंडली बनाती है।
कुछ हल्का-फुल्का खाने का मन है तो लौकी टमाटर की सब्जी बेस्ट रहती है। इसमें भी हमेशा सरसों के तेल का तड़का ही लगाना चाहिए। दरअसल सरसों के तेल का तीखा स्वाद, टमाटर के खट्टेपन के साथ मिलकर इस डिश को काफी फ्लेवरफुल और टेस्टी बना देता है। वहीं लौकी और सरसों का तेल दोनों ही पेट और लीवर के लिए बहुत फायदेमंद भी होते हैं।
आलू की सूखी सब्जी, भुजिया, तरी वाली सब्जी या कोई भी डिश बना रही हैं तो सरसों का तेल इस्तेमाल करें। बिहारी स्टाइल आलू की भुजिया में भी सरसों के तेल का तड़का ही लगाया जाता है, जो हर किसी को खूब पसंद आती है। दरअसल सरसों के तेल का तीखा स्वाद और स्ट्रॉन्ग फ्लेवर, आलू के फीके टेस्ट के साथ खूब जमता है और टेस्ट को बढ़ा देता है।
पत्ता गोभी को जब सरसों के तेल में भूना जाता है, तो उसका क्रंच और नेचुरल फ्लेवर बरकार रहता है। सरसों के तेल का तीखा स्वाद, पत्ता गोभी को एक चटपटा और क्रंची फ्लेवर देता है, जो काफी टेस्टी लगता है। इसके अलावा पत्ता गोभी फाइबर रिच होती है और सरसों का तेल मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। ऐसे में इन दोनों का कॉम्बिनेशन वेट लॉस और डाइजेशन के लिए बेस्ट है।