लहसुन का हल्का तीखापन और इसकी तेज खुशबू आमतौर पर लोगों को बड़ी पसंद आती है। स्वाद के साथ सेहत के लिए भी ये बड़ा अच्छा होता है इसलिए डॉक्टर भी इसे अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। अब कुछ घरों में लगभग हर सब्जी में ही लहसुन का तड़का लगाया जाता है, जबकि ऐसा करना बिल्कुल भी नहीं है। क्योंकि लहसुन का तीखापन और तेज खुशबू हर सब्जी के साथ अच्छी तरह नहीं जाती है। ये उनके स्वाद को भी खराब करता है और उन्हें काफी हेवी बना देता है, जिस वजह से वो पचाने में आसान नहीं रहतीं और सेहत के लिए उनके फायदे भी कम हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं इन सब्जियों के बारे में, जिनमें लहसुन भूलकर भी नहीं डालना चाहिए।
लौकी का असली स्वाद चाहिए जो उसमें सिंपल जीरे और हींग का तड़का लगाएं। लहसुन का तड़का लौकी के माइल्ड और हल्के मीठे स्वाद को दबा देता है। वैसे भी लौकी काफी हल्की, पचाने में आसान और ठंडी सब्जी होती है। वहीं लहसुन की गर्म तासीर इसे हेवी बना देती है और लौकी को पचाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
अरबी की सब्जी में भी लहसुन का स्वाद अच्छा नहीं लगता है। एक तो अरबी पहले से ही काफी हेवी होती है, उसमें लहसुन डालने से इसे पचाना बड़ा मुश्किल हो जाता है। खासतौर से अगर ज्यादा तेल मसाले के साथ सब्जी बनी हो। लहसुन का स्वाद भी अरबी के टेस्ट को ओवरपावर कर देता है। इसलिए अरबी में अजवाइन और हींग का तड़का लगाना ही बेस्ट है।
कद्दू की सब्जी तो सात्विक तरीके से बनाई जाए, तो ही टेस्टी लगती है। उसमें लहसुन डालने से, कद्दू का हल्का मीठा स्वाद दब जाता है और वो उतनी स्वाद नहीं लगती। इसलिए कद्दू में हमेशा मेथी दाना और हींग का सिंपल तड़का लगाना ही बेस्ट होता है। इसके अलावा कद्दू में लहसुन डालने से उसका डिटॉक्सिफाइंग इफेक्ट भी कम हो सकता है।
टिंडा भी पेट के लिए बड़ा फायदेमंद होता है। गैस या एसिडिटी जैसी समस्या में टिंडे की हल्की सब्जी बेस्ट रहती है। लेकिन जब इसमें ज्यादा तेल और लहसुन का तड़का लगाया जाता है, तो ये काफी हेवी हो जाती है। इसके साथ ही लहसुन टिंडे के हल्के और स्वादिष्ट फ्लेवर को भी खत्म कर देता है। इसलिए टिंडे की सब्जी में जीरा, चुटकी भर हींग और हरी मिर्च का तड़का लगाना बेस्ट है।
परवल की सब्जी सादी ही अच्छी लगती है। ये पचाने में आसान होती है और गर्मियों में शरीर को ठंडक देती है। इसलिए इसमें सिंपल जीरा, लाल मिर्च और चुटकी भर हींग का तड़का लगाना ही बेस्ट रहेगा। जिन लोगों को एसिडिटी या गैस जैसी समस्या बनी रहती है, उन्हें तो सिंपल परवल बनाकर ही खाना चाहिए।
तुरई एक सात्विक और ठंडक देने वाली सब्जी है। ये पचाने में भी काफी लाइट होती है। हालांकि इसमें लहसुन डालने से इसका नेचर डिस्टर्ब हो सकता है और पचाने में भी ये हेवी लग सकती है। इसके अलावा तुरई का स्वाद भी काफी माइल्ड होता है, जो लहसुन की वजह से पूरी तरह दब जाता है। ऐसे में हींग, जीरा और चाहें तो हरी मिर्च का तड़का लगाकर सात्विक और स्वादिष्ट तुरई की सब्जी बना सकती हैं।