टाटा संस उभरते बिजनेस पर लगाएगा ₹30 हजार करोड़, जल्द मिलेगा डिजिटल CEO नियुक्त!
टाटा संस (Tata Sons) अपने नए उभरते बिजनेस में 30,000 करोड़ रुपये (3.5 बिलियन डॉलर) का निवेश करने जा रहा है। इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने बताया कि टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और एयर इंडिया के साथ-साथ डिफेंस और बैटरी यूनिट में यह पैसा लगाया जाएगा।

टाटा संस (Tata Sons) अपने नए उभरते बिजनेस में 30,000 करोड़ रुपये (3.5 बिलियन डॉलर) का निवेश करने जा रहा है। इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने बताया कि टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और एयर इंडिया के साथ-साथ डिफेंस और बैटरी यूनिट में यह पैसा लगाया जाएगा। टाटा संस की तरफ से यह अप्रूवल गुरुवार को दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार डिफेंस बिजनेस को एक बार फिर से रणनीतिक तौर पर आगे रखने पर सहमति जताई गई है। कंपनी जल्द ही नया डिजिटल सीईओ की नियुक्ति भी करेगी। बता दें, हाल के सालों में अप्रूव किए गए 120 मिलियन डॉलर के फंड के अतिरिक्त यह पैसा है।
जल्द नया डिजिटल सीईओ नियुक्त
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया, “यह फंड कंपनी की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। जिससे कंपनी का क्रियान्वन पूरा किया जा सके। और अगले चरण के लिए विस्तार दिया जा सके।” अधिकारी ने कहा कि नए डिजिटल सीईओ की नियुक्ति भी जल्द होगी।
ये बिजनेस बड़े सेक्टर को फोकस करते हैं। टाटा संस का मानना है कि इन कंपनियों का शुरुआती चरण बीत चुका है। ये अपने क्रियान्वन पर प्राथिमकता दें। जिससे आने वाले समय में ये कंपनियों प्रॉफिटेबल ग्रोथ हासिल कर सकें। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दौर में ग्रुप को बढ़त मिले इसके लिए इन कंपनियों पर रणनीतिक तौर पर निवेश किया जा रहा है।
टाटा ग्रुप के चेयरमैन की है पैनी नजर
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टाटा डिजिटल समूह की टॉप 10 कंपनियों में से एक है। नए बिजनेस का लक्ष्य समूह की टॉप 5 कंपनियों में जगह बनाना है। और वित्त वर्ष 2027 तक मुनाफे में आना है। टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन इन कंपनियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
वित्त वर्ष 2025 के लिए टाटा ग्रुप के लिए कठिन रहा है। रेवन्यू ग्रोथ 4.9 प्रतिशत रहा है। जोकि वित्त वर्ष 2024 में 12 प्रतिशत था। नेट प्रॉफिट 28 प्रतिशत से गिरकर 10 प्रतिशत पर आ गया। ऑपरेटिंग मार्जिन भी 11 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गया है। अच्छी बात यह है कि कर्ज 6 प्रतिशत घटकर लाख करोड़ रुपये हो गया है।