आजकल के माता-पिता के लिए अच्छी पेरेंटिंग किसी जंग को जीतने से कम नहीं है। हालांकि भारतीय हिंदू धर्मग्रन्थ को पढ़कर आप अच्छी पेरेंटिंग के कई कई शानदार टिप्स ले सकते हैं। बात अगर प्रसिद्ध धर्मग्रन्थ रामायण की करें तो उसमें भगवान राम के चरित्र से ना सिर्फ एक अच्छा राजा बल्कि एक अच्छे पुत्र के गुण भी देखने को मिलते हैं। अगर आप भी अपने बेटे में भगवान राम जैसे नैतिकता, अनुशासन और करुणा जैसे गुण भरने के साथ उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ते हुए देखना चाहते हैं तो रामायण से ये 7 सीख जरूर लें।
भगवान राम ने हमेशा अपने जीवन के हर मोड़ को अनुशासन के साथ जिया है, फिर बात चाहे उनके वनवास की हो, युद्ध या एक राजा के रूप में न्याय करने की। आप भी अपने बच्चों की एक दिनचर्या बनाकर उन्हें नियम और सीमाओं का पालन करना सिखाएं। उदाहरण के लिए बच्चों का पढ़ाई, खेलने, खाने और सोने का समय सब कुछ निश्चित करें। Pic Credit: Shutterstock
रामायण में भगवान राम को पिता दशरथ और गुरु विश्वामित्र ने हमेशा धर्म, सत्य और कर्तव्य का महत्व सिखाया। आप भी अपने बेटे को छोटी-छोटी कहानियों के जरिए सही-गलत का फर्क बचपन से ही सीखना शुरू करें। Pic Credit: Shutterstock
भगवान राम का जीवन सत्य और ईमानदारी के गुणों से भरा हुआ था। आप भी अपने बच्चे को हमेशा सच बोलने और गलती करने पर उसे स्वीकार करने की प्रेरणा दें। पेरेंट्स होने के नाते आप बच्चे को छोटी गलतियां करने पर सजा नहीं बल्कि सुधार का मौका दें। Pic Credit: Shutterstock
भगवान राम की छवि के अनुसार उनके दिल में सभी के प्रति सम्मान और विनम्रता भाव था। आप भी अपने बच्चे को बड़ों और छोटों दोनों के प्रति सम्मान और प्यार रखना सिखाएं। Pic Credit: Shutterstock
राम ने परिवार के लिए वनवास जाना, भाई के लिए अपना राज्य छोड़ना स्वीकार किया। आप भी उनके इस गुण से बच्चों को परिवार का महत्व और परिवार के सदस्यों के साथ मिल जुल कर रहना सिखाएं।
बच्चों में अच्छे गुण डालने के लिए उन्हें रोज सोने से पहले रामायण की कहानियां सुनाकर प्रेरित करें, बच्चों को अनुशासन के साथ स्वतंत्रता भी अवश्य दें।