ऑनलाइन गेम में कर लिया लाखों का कर्जा, चुका नहीं पाने पर पति ने पत्नी संग किया सुसाइड
राजस्थान के कोटा जिले में ऑनलाइन गेम के चक्कर में फंसकर कर्जदार बने युवक ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर फांसी लगाकर जान दे दी। सोमवार सुबह दोनों के शव घर के कमरे में पंखे से लटके मिले। मृतकों की पहचान दीपक राठौर और उसकी पत्नी राजेश राठौर के रूप में हुई है।

राजस्थान के कोटा जिले में ऑनलाइन गेम के चक्कर में फंसकर कर्जदार बने युवक ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर फांसी लगाकर जान दे दी। सोमवार सुबह दोनों के शव घर के कमरे में पंखे से लटके मिले। मृतकों की पहचान दीपक राठौर और उसकी पत्नी राजेश राठौर के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोमवार सुबह जब काफी देर तक जब दीपक के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो उसके बुजुर्ग पिता को चिंता हुई। पिता ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। कुछ देर बाद 5 साल की पोती ने अंदर से दरवाजा खोला, तो देखा कि सामने बेटे-बहू की लाश पंखे से लटक रही थी। ये पूरा मामला कैथून थाना इलाके के खेड़ा रसुलपुर गांव से सामने आया है।
कैथून थानाधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी खेड़ा रसुलपुर गांव में पति-पत्नी ने सुसाइड किया है। मौके पर जाकर देखा तो दीपक राठौर और उसकी पत्नी राजेश राठौर के शव फंदे से लटके मिले। मृतक युवक के पिता सत्यनारायण राठौर ने पुलिस को बताया कि दीपक की शादी 6 साल पहले हुई थी। उसकी एक बेटी है। बेटे-बहू के बीच अच्छा तालमेल था। रविवार को खाना खाने के बाद सभी कमरे में सोने चले गए थे।
जानकारी में सामने आया है कि युवक ने सुसाइड करने से एक दिन पहले अपनी पत्नी की बड़ी बहन को कॉल कर बताया था कि ऑनलाइन गेम में उस पर 4 से 5 लाख रुपए का कर्जा हो गया है। ऐसे में अब उसके पास पास मरने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। इसके बाद परिजनों को जानकारी मिलने पर युवक पर काफी समझाया गया था कि वो ऐसा कोई कदम नहीं उठाए और रुपयों के इंतजाम किया जाएगा। लेकिन सुबह सूचना मिली थी दीपक ने अपनी पत्नी राजेश के साथ मिलकर सुसाइड कर लिया है। सामने आया है कि दीपक पहले आरसीसी का काम करते थे। बेटी के बोलने पर ही डीसीएम फैक्ट्री में मैंने काम दिलवाया था। दीपक ने रविवार शाम को मेरी बड़ी बेटी को फोन करके कहा था कि ऑनलाइन गेम खेला था। इसमें 4 से 5 लाख रुपये कर्जा हो गया था।
रिपोर्ट : योगेंद्र महावर