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सिंधु के पानी की मांग, राजस्थान के सांसदों विधायकों का पीएम मोदी को पत्र

भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। इस बीच राजस्थान के सांसदों और विधायकों ने चिनाब, झेलम, रावी, व्यास, सतलुज और घग्गर नदियों के पानी की डिमांड कर डाली है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरSun, 27 April 2025 11:21 PM
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सिंधु के पानी की मांग, राजस्थान के सांसदों विधायकों का पीएम मोदी को पत्र

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। इस फैसले ने जहां राष्ट्रीय स्तर पर सख्त संदेश दिया है, वहीं पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों के लिए भी एक नई उम्मीद की किरण फूटी है। सूबे के सांसदों और विधायकों को उम्मीद जगी है कि अब चिनाब, झेलम, रावी, व्यास, सतलुज और घग्गर नदियों के पानी को मोड़कर पश्चिमी राजस्थान की प्यासी धरती तक पहुंचाया जा सकता है।

इन नदियों के पानी की डिमांड को लेकर ओसियां विधायक भेराराम सियोल ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने पश्चिमी राजस्थान के सांसदों और विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजा है। इस पत्र में मांग की गई है कि जिस तरह पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी (ERCP) परियोजना की आधारशिला रखी गई, ठीक वैसे ही अब पश्चिमी राजस्थान के लिए डब्ल्यूआरसीपी (Western Rajasthan Canal Project) को मंजूरी दी जाए।

पत्र में भेराराम सियोल ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद साहसिक फैसलों और सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया है। माननीयों ने पत्र में लिखा है कि यदि इन नदियों का पानी पश्चिमी राजस्थान के जिलों- जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, फलोदी, बालोतरा, सिरोही और डीडवाना-कुचामन तक लाया जाए तो यहां के किसानों की तकदीर ही बदल सकती है।

मौजूदा वक्त में पश्चिमी राजस्थान के लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर दूर तक भटकना पड़ता है। खासकर गर्मी के सीजन में खेती तो दूर, पीने के पानी के भी लाले पड़ जाते हैं। यदि सिंधु का पानी यहां पहुंचा दिया गया तो सूखे धोरों में हरियाली आ जाएगी। इससे किसान समृद्ध होंगे और लाखों लोगों के जीवन में नई रोशनी आएगी।

स्थानीय स्तर पर भी लोगों में WRCP को लेकर भारी मांग उठ रही है। लोग प्रधानमंत्री से आशा लगाए बैठे हैं कि वे जल भागीरथ बनकर इस परियोजना का शिलान्यास करेंगे और पश्चिमी राजस्थान को सौगात देंगे जिसकी दरकार वर्षों से रही है। अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं। सवाल यह कि क्या प्रधानमंत्री मोदी रेगिस्तान में भी हरियाली का सपना साकार करेंगे? इंतजार सबको है, उम्मीद भी बड़ी है।

रिपोर्ट- सचिन शर्मा