कब-कहां हो ऐक्शन, हमारी तरफ से खुली छूट; हाई लेवल मीटिंग में तीनों सेना प्रमुखों से बोले PM मोदी
मंगलवार की शाम प्रधानमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सीडीएस के साथ तीनों सेना के प्रमुख मौजूद थे।

Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम हमले पर कार्रवाई के लिए PM मोदी ने सेना को खुली छूट दी है। आज शाम प्रधानमंत्री आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस तरह की खुली छूट प्रधानमंत्री ने तीनों सेना के प्रमुखों को दी है। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि कब और कहां किस तरह का ऐक्शन लेना है, इसके लिए वह तीनों सेना प्रमुखों को छूट दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जवाबी कार्रवाई के तरीके, किस ठिकाने पर कार्रवाई करनी है और किस समय करनी है, यह तय करने का पूरा अधिकार सशस्त्र बलों को दिया जा चुका है।प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके आकाओं का “पृथ्वी के अंतिम छोर तक” पीछा करने और उन्हें “उनकी कल्पना से परे” कड़ी से कड़ी सजा देने का आह्वान किया है। पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर पिछले कई वर्षों में हुआ सबसे घातक हमला है, जिसे लेकर पूरे देश में आक्रोश की लहर है और हमलावरों तथा उनके आकाओं के खिलाफ कठोर जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही है। प्रधानमंत्री की कठोर टिप्पणियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी सरकार के कड़े रुख के कारण भारत की ओर से करारी जवाबी कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
डेढ़ घंटे चली उच्च स्तरीय बैठक
इससे पहले पीएम आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान समेत तीनों सेना प्रमुख यानी थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी , वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद थे। ऐसा पहली बार हुआ है, जब तीनों सेना प्रमुख इस तरह की उच्च स्तरीय बैठक में शामिल रहे। ये बैठक करीब डेढ़ घंटे चली।
PM मोदी से मिलने पहुंचे मोहन भागवत
अब संघ प्रमुख मोहन भागवत प्रधानमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं। मंगलवार को दिन में गृह मंत्रालय में भी हाई लेवल मीटिंग हुई थी। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, BSF, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिदेशक भी मौजूद थे। इसमें CRPF, SSB और CISF के सीनियर अफसर भी शामिल हुए थे। ये सभी कवायद बुधवार को होने वाली CCS की बैठक से पहले हो रही हैं। बुधवार को ही पीएम की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (CCPA) की भी बैठक होने वाली है।
पाकिस्तान में खलबली
बता दें कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में सेना की वेश-भूषा में आए आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर पर्यटकों पर गोलियां बरसाईं थीं, जिसमें 25 सैलानियों समेत कुल 26 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 17 लोग घायल हो गए थे। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया गया था। इसके अलावा भी कई सख्त कदम उठाए गए थे। इससे पाकिस्तान बौखला गया है। सोमवार को ही वहां के रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत कभी भी हमला बोल सकता है इसलिए सेना को हाई अलर्ट पर रखा है।
मोदी सरकार ने 2016 में उरी में सेना के जवानों पर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की थी। उसने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला किया था। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिनमें पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)