बड़े ऐक्शन की तैयारी? PM आवास पर हाई लेवल मीटिंग; रक्षा मंत्री संग NSA डोभाल, CDS भी थे मौजूद
यह बैठक इसलिए भी काफी अहम है क्योंकि एक दिन बाद यानी कल बुधवार को कैबिनेट मामलों की सुरक्षा समिति की बैठक होने वाली है। यह एक हफ्ते में दूसरी CCS मीटिंग होगी। कल की CCPA और कैबिनेट की भी बैठक होनी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर उनकी अध्यक्षता में करीब डेढ़ घंटे तक एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान समेत तीनों सेना प्रमुख यानी थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी , वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद थे। ऐसा पहली बार हुआ है, जब तीनों सेना प्रमुख इस तरह की उच्च स्तरीय बैठक में शामिल रहे। यह बैठक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक से एक दिन पहले हुई है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर निर्णय लेने वाली सरकार की सर्वोच्च संस्था है।
माना जा रहा है कि यह पाकिस्तान के खिलाफ बड़े ऐक्शन की तैयारी है। इस बैठक में पिछले सप्ताह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद के हालात और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों की कार्रवाई और आगे की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर सख्त रुख अपनाया है और पहलगाम के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
दिन में गृह मंत्रालय में भी अहम बैठक
पीएम की अध्यक्षता में हुई इस अहम बैठक से पहले मंगलवार को दिल्ली में गृह मंत्रालय में भी हाई लेवल मीटिंग हुई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, BSF, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिदेशक भी मौजूद थे। इसमें CRPF, SSB और CISF के सीनियर अफसर भी शामिल हुए थे। ये सभी कवायद बुधवार को होने वाली CCS की बैठक से पहले हो रही हैं। बुधवार को ही पीएम की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (CCPA) की भी बैठक होने वाली है।
भारत ने पाक के खिलाफ लिया सख्त ऐक्शन
बता दें कि पिछले मंगलवार यानी 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में सेना की वेश भूषा में आए आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था, जिसमें 25 पर्यटक समेत कुल 26 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि इस हमले में 17 अन्य घायल हो गए थे। लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा को बीच में ही छोड़ दिया था और देश वापस आ गए थे। इसके बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेते हुए 1960 का सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया था। इसके अलावा सरकार ने अन्य कई सख्त कदम उठाए थे, जिससे पाकिस्तान तिलमिला उठा है।