JJM घोटाले की FIR में पूर्व मंत्री का नाम नहीं,लेकिन ED का कोर्ट में बड़ा दावा,घोटाले के मास्टरमाइंड महेश जोशी ही हैं
जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission - JJM) में कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) ने मंगलवार को आर्थिक अपराधों से जुड़ी जयपुर की विशेष अदालत में पूर्व मंत्री महेश जोशी को मुख्य आरोपी बताया।

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission - JJM) में कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) ने मंगलवार को आर्थिक अपराधों से जुड़ी जयपुर की विशेष अदालत में पूर्व मंत्री महेश जोशी को मुख्य आरोपी बताया। ईडी ने कोर्ट में कहा कि जोशी ने न सिर्फ जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) के अधिकारियों को प्रभावित किया, बल्कि अपने पद का दुरुपयोग कर टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया और आर्थिक लाभ अर्जित किया।
ईडी के अधिवक्ता अजातशत्रु ने कोर्ट में तर्क दिया कि महेश जोशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने कहा कि जोशी ने जेजेएम के तहत जारी टेंडरों को प्रभावित कर अपने हित साधे और यह पूरा कार्यवाही संजय बडाया के माध्यम से की गई। ईडी के अनुसार, जोशी के बेटे की कंपनी में किया गया निवेश वास्तव में घोटाले से अर्जित धन है, जिससे सीधे तौर पर जोशी को लाभ हुआ।
एजेंसी ने विशेष अदालत से आग्रह किया कि इस स्तर पर महेश जोशी को जमानत देना मामले की निष्पक्ष जांच पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। ईडी ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की ओर से दर्ज की गई FIR में भी महेश जोशी का नाम सामने आया है और उनके खिलाफ संज्ञेय अपराधों की जांच की जा रही है।
मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वी.आर. बाजवा ने पहले ही अदालत को यह बताया था कि जिस आर्थिक लेन-देन के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनाया है, वह वास्तव में जोशी के बेटे की कंपनी को दिया गया एक लोन था, जिसे बाद में वापस कर दिया गया। बाजवा ने यह भी तर्क दिया कि एफआईआर में जोशी का नाम तक नहीं था और ईडी ने जो आरोप लगाए हैं, उनके जवाब दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ दिए जा चुके हैं। उन्होंने इस मामले को राजनीतिक द्वेष की भावना से प्रेरित बताया और कहा कि महेश जोशी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय लिया कि महेश जोशी को अपनी बात रखने का एक और अवसर दिया जाएगा। इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की है।
उल्लेखनीय है कि महेश जोशी को ईडी ने 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों ही स्तरों पर चर्चाओं में है। जल जीवन मिशन, जो ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, उसमें इस प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप सामने आना बेहद गंभीर माने जा रहे हैं।
अब सबकी नजरें गुरुवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि महेश जोशी को राहत मिलेगी या ईडी की जांच और गहराएगी।
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