नाकारा-निकम्मा-नालायक थे कल तक, आज गहलोत के गले लग रहे ऐसा क्या हुआ ? - राजेंद्र राठौड़
राजस्थान की सियासत एक बार फिर गर्माई हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की हालिया मुलाकात पर भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तीखा हमला बोला है।

राजस्थान की सियासत एक बार फिर गर्माई हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की हालिया मुलाकात पर भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तीखा हमला बोला है। राठौड़ ने इसे "राजनीतिक अवसरवाद" करार देते हुए कहा कि कांग्रेस अब जनाधार बचाने के लिए अपने ही ‘नाकारा-निकम्मा’ कहे नेताओं से गलबहियां कर रही है।
राजेन्द्र राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा, “लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार देखा गया कि सरकार के मंत्री और विधायक सत्ता में रहते हुए ही फाइव स्टार होटलों में नजरबंद कर दिए गए हों। यह कांग्रेस की खोखली आंतरिक राजनीति और अविश्वास का सबसे बड़ा प्रमाण है।” उन्होंने कहा कि जो नेता कल तक गद्दार कहे जा रहे थे, उनसे आज गले मिलना कांग्रेस की हताशा और दिशाहीनता का प्रतीक है।
राठौड़ ने दावा किया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी और राज्य में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चल रही "डबल इंजन" की सरकार की तेज रफ्तार ने कांग्रेस की नींव हिला दी है। “कांग्रेस अब मुद्दाविहीन हो चुकी है। डेढ़ साल में एक भी ठोस आंदोलन नहीं कर पाई। चाहे जिलों के पुनर्गठन का मामला हो या बेरोजगारी का, कोई भी आंदोलन जनसमर्थन नहीं जुटा सका,” राठौड़ ने कहा।
भाजपा नेता ने कांग्रेस कार्यकाल की तुलना करते हुए आरोप लगाया कि पहले की सरकारों में नौकरियों की बंदरबांट ‘खर्ची और पर्ची’ के आधार पर होती थी। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने इन पर नकेल कसते हुए पेपर माफिया और कोचिंग माफिया के खिलाफ ऐतिहासिक कार्रवाई की। पहली बार पारदर्शिता के साथ परीक्षा कैलेंडर जारी किया गया और 1.36 लाख से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरंभ की गई। पेपर लीक जैसे मामलों में 100 से ज्यादा लोग जेल की सलाखों के पीछे हैं।”
विदेश नीति और सिंधु जल समझौते पर भी बोले राठौड़
देश की विदेश नीति और सुरक्षा पर बोलते हुए राठौड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" हो या सिंधु जल समझौते को रद्द करने का फैसला—मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर भारत की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दी है।
राठौड़ ने कहा, “1960 में हुए सिंधु जल समझौते को अब खत्म करने से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और जम्मू-कश्मीर को लाभ होगा। अब सिंधु और चिनाब का पानी रावी-व्यास के जरिए हरिके बैराज पहुंचेगा, जहां से इंदिरा गांधी नहर परियोजना के माध्यम से राजस्थान को पानी मिलेगा।”
उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक फैसले से राजस्थान की कृषि और अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूती मिलेगी। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत पहले ही 16.17 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा रही है और अब जल आपूर्ति और बढ़ेगी।
राजेन्द्र राठौड़ के बयानों से स्पष्ट है कि भाजपा अब न केवल कांग्रेस के अंदरूनी अंतर्विरोधों को उजागर कर रही है, बल्कि अपने कामों का रिपोर्ट कार्ड भी पेश कर रही है। वहीं कांग्रेस की खामोशी और मुद्दों की कमी कहीं न कहीं विपक्षी धार को कुंद करती नजर आ रही है। आगामी चुनावी मौसम में यह बयानबाजी और भी तीखी होगी, इसमें कोई संदेह नहीं।
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