अहमदाबाद विमान हादसे में कोटा के मयंक की ऐसे बची जान, छात्र ने खुद को माना खुशनसीब
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में कोटा के मयंक बच गए। वो हादसे से थोड़ी देर पहले तक उसी जगह पर थे।

गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लेन के क्रैश होने के बाद हादसे में 250 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। प्लेन क्रैश में एक व्यक्ति के जिंदा बचने की जानकारी भी सामने आई है। वहीं, जिस बिल्डिंग से प्लेन टकराया था, उस बिल्डिंग में कुछ समय पहले मौजूद कोटा जिले के एक छात्र की जान बच गई है। दरअसल, जिस मेडिकल कॉलेज परिसर की बिल्डिंग पर प्लेन गिरा था, उसमें मेडिकल कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स, स्टाफ और अन्य लोग भी चपेट में आ गए। इनमें अधिकतर छात्रों की मौत हो गई है। इन्हीं स्टूडेंट्स के साथ कोटा का मयंक भी कुछ समय पहले मौजूद था।
'जोरदार धमाके की आवाज आई'
कोटा जिले का निवासी मयंक सेन मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद में थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। उन्होंने बताया कि वे गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे खाना खाकर मेस से निकले थे। थोड़ी देर बाद ही मेस पर विमान की टेल आ गिरी और जोरदार धमाके की आवाज आई। इसकी वजह से बिल्डिंग में मौजूद कई लोग इसकी चपेट में आ गए। ऐसे में मयंक ने अपने आपको खुशकिस्मत माना और कहा कि यदि थोड़ी देर और हो जाती तो उनकी जान चली जाती। खाना खा रहे कुछ इंटर्न और अन्य डॉक्टर हादसे की चपेट में आ गए। इनमें मयंक के दोस्त भी थे।
मयंक ने बताया कि मेस की बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर डॉक्टर्स खाना खाते हैं। आमतौर पर एक से डेढ़ बजे के बीच वहां सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। जब मयंक फर्स्ट फ्लोर से खाना खाकर निकले थे, उसके कुछ मिनट बाद ही विमान उसी फर्स्ट फ्लोर से टकराया। दुर्भाग्यवश, इस हादसे में उनके कुछ दोस्तों की मौत हो गई। फिलहाल वे पोस्टमॉर्टम रूम पर हैं। मयंक का कहना है कि तेज धमाके की आवाज आई। बाहर देखा तो धुआं और आग लग रही थी। जहाँ हादसा हुआ, वह मेडिकल कॉलेज का कैंपस ही है, लेकिन मेरे हॉस्टल से 300 मीटर दूर था।
कोटा में डॉक्टरों ने दी श्रद्धांजलि
अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना को लेकर अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ और स्वास्थ्य भवन के डॉक्टरों व कर्मचारियों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य भवन में 2 मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। सीएमएचओ डॉक्टर नरेंद्र नागर ने बताया कि विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, जिसमें अकारण ही वहाँ इंटर्न कर रहे डॉक्टर्स काल का ग्रास बन गए। समाजसेवी डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने इस हृदयविदारक घटना पर अत्यंत दुख प्रकट किया और कहा कि परिवारजनों को शक्ति-संबल प्रदान करे, हम सब इस दुख में साथ हैं।