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झारखंड हाईकोर्ट ने JPSC पर एक लाख रुपए का लगाया हर्जाना, क्या है वजह

झारखंड हाई कोर्ट ने जेपीएससी को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर एसटी उम्मीदवार मनोज कच्छप की नियुक्ति के एकलपीठ के आदेश को सही बताते हुए जेपीएएससी की अपील याचिका खारिज करते हुए एक लाख का हर्जाना भी लगाया है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीSat, 14 June 2025 06:34 AM
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झारखंड हाईकोर्ट ने JPSC पर एक लाख रुपए का लगाया हर्जाना, क्या है वजह

झारखंड हाई कोर्ट ने जेपीएससी को बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर एसटी उम्मीदवार मनोज कच्छप की नियुक्ति के एकलपीठ के आदेश को सही बताते हुए जेपीएएससी की अपील याचिका खारिज करते हुए एक लाख का हर्जाना भी लगाया है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। शुक्रवार को फैसला सुनाया। आइए जानते हैं हाई कोर्ट ने जेपीएससी पर हर्जाना क्यों लगाया है।

जुलाई 2018 में जेपीएससी ने नागपुरी भाषा के लिए एसटी उम्मीदवारों के लिए बैकलॉग वैकेंसी के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। इसके बाद दस्तावेज की स्क्रूटनी में प्रार्थी को 85 में से 72.10 अंक मिला। लेकिन इंटरव्यू लिस्ट जारी होने पर मनोज का नाम उसमें शामिल नहीं था। इसके बाद मनोज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। एकलपीठ ने मनोज को इंटरव्यू में शामिल कराने का निर्देश जेपीएससी को दिया। इसके बाद प्रार्थी को इंटरव्यू में शामिल कराया गया। अब हाई कोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग पर ऐक्शन लिया है।

जेपीएससी ने 23 दिसंबर 2021 को रिजल्ट जारी किया, लेकिन कोर्ट के आदेश के आलोक में एक पद पर रिजल्ट को रोक दिया गया। बाद में कोर्ट ने मनोज का रिजल्ट मंगाया। जेपीएससी ने प्रार्थी के अंक सीलबंद कर कोर्ट में पेश किया। इसमें कोर्ट को पता चला कि मनोज उस पूरी परीक्षा में सबसे अधिकतम नंबर लाने वाला अभ्यर्थी है। जेपीएससी की ओर से बताया गया था कि जिस समय मनोज ने परीक्षा फीस जमा की थी, उस समय स्टेटस फेल हो चुका था और पैसा जेपीएससी के अकाउंट में नहीं जमा हो सका था। इसलिए कैंडिडेचर रद्द किया गया था। यही कारण है कि झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।