पोहा,गर्लफ्रेंड और सैर:जयपुर जेल से भागे कैदियों ने खूब काटी मौज,पुलिस ने ऐसे किया अरेस्ट
पुलिस ने सोमवार को बताया कि कुल 13 लोगों,जिनमें पांच कांस्टेबल,चार कैदी और चार रिश्तेदार शामिल हैं,को रविवार को गिरफ्तार किया गया। जांच में यह सामने आया कि कैदियों ने कथित तौर पर जेल के बाहर कुछ घंटों की आजादी का आनंद लेने के लिए रिश्वत दी थी।

जयपुर में नियमित जांच के लिए जेल से बाहर निकले 4 कैदी अचानक फरार हो गए। चारों कैदियों को राजधानी के सवाई मान सिंह अस्पताल में नियमित चेकअप के लिए जाना था,जहां से वो सभी हवलदारों की मदद से फरार हो गए। हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के चलते बाद में कैदियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों के लिए शर्मसार होने वाली बात यह थी कि कैदियों की मदद करने वाले उनके साथ गए कॉन्सटेबल ही थे। उन 13 अरेस्ट किए लोगों में इनका भी नाम है।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि कुल 13 लोगों,जिनमें पांच कांस्टेबल,चार कैदी और चार रिश्तेदार शामिल हैं,को रविवार को गिरफ्तार किया गया। जांच में यह सामने आया कि कैदियों ने कथित तौर पर जेल के बाहर कुछ घंटों की आजादी का आनंद लेने के लिए रिश्वत दी थी। पुलिस ने कहा कि चार कैदियों,रफीक बकरी,भंवर लाल,अंकित बंसल और करण गुप्ता ने कथित तौर पर एसएमएस अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए मंजूरी हासिल की थी। लेकिन अस्पताल जाने के बजाय,उन्होंने कथित तौर पर शहर में इत्मीनान से एक दिन बिताने के लिए रिश्वत दी और केवल एक कैदी ही अस्पताल पहुंचा। शनिवार को शाम 5:30 बजे की समय सीमा तक चारों में से कोई भी जेल नहीं लौटा।
पुलिस ने बताया कि यह सैर लगभग 25,000 रुपये में तय की गई थी,जिसे एक बिचौलिए के माध्यम से भेजा गया था। एस्कॉर्ट करने वाले कांस्टेबलों को प्रत्येक को 5,000 रुपये का वादा किया गया था। डीसीपी (पूर्व) तेजस्विनी गौतम ने बताया कि रफीक और भंवर क्रमशः अपनी पत्नी और पूर्व-गर्लफ्रेंड से जलूपुरा के एक होटल में मिले,जहां बाद में रफीक की पत्नी को नशीले पदार्थों के साथ पाया गया और एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
अंकित और करण को हवाई अड्डे के पास एक होटल में ट्रैक किया गया,जहां उन्हें नाश्ते में पोहा खाते हुए देखा गया। कमरा अंकित की गर्लफ्रेंड ने बुक किया था। बाद में, पुलिस ने करण के एक रिश्तेदार को 45,000 रुपये नकद और कई कैदी आईडी कार्ड के साथ एक होटल में हिरासत में लिया। जेल सूत्रों ने बताया कि इस सैर का मास्टरमाइंड एक दोषी जबरन वसूली करने वाला था जो अभी भी जेल के अंदर से काम कर रहा था।
जांचकर्ताओं का कहना है कि अप्रैल से अब तक 200 से अधिक फोन कॉल्स इंटरसेप्ट किए गए हैं,जिनसे रिश्वतखोरी,अनाधिकृत मोबाइल के इस्तेमाल और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित वीआईपी लोगों को कथित धमकियों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि सवाई मान सिंह पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया है और जयपुर सेंट्रल जेल में जांच और तलाशी शुरू कर दी गई है।