बीते 4 महीनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जल ग्रहण किया है। इसके साथ ही उन्होंने बीते 4 महीने 11 दिनों से चले आ रहे अनशन को समाप्त कर दिया। उनका अनशन खत्म कराने के लिए अदालत ने भी आदेश दिया था और उन्हें राजी करने के लिए एक टीम भी गठित की थी।
हरिंदर सिंह लाखोवाल ने अब भगवंत मान सरकार के सभी विधायकों के घरों का घेराव करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम 10 मार्च को पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी के विधायकों के घरों का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे के आंदोलन को लेकर भी हम रणनीति बना रहे हैं।
केंद्र सरकार से किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मीटिंग होनी है। माना जा रहा है कि सरकार पर मीटिंग से पहले दबाव बनाने के लिए हजारों किसानों का जुटान हुआ। इस महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के हजारों किसानों ने हिस्सा लिया।
यह गांव चुरू में पड़ता है, जिसमें किसानों को जुटाने की तैयारी है और केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने का प्लान है। यही नहीं किसानों की रतनपुरा में महापंचायत होने के बाद 12 फरवरी को खनौरी और 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर मीटिंग होने वाली है। रतनपुरा की मीटिंग को आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल भी संबोधित करेंगे।
पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर जारी किसान नेताओं का आमरण अनशन केंद्र सरकार से बातचीत के आश्वासन के बाद फिलहाल वापस ले लिया गया है।…
खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि वे भी आमरण अनशन करेंगे। बुधवार को सुबह ही किसानों ने इलाके को खाली किया और फिर प्रार्थना के बाद अनशन शुरू कर दिया। इस बीच किसानों का कहना है कि डल्लेवाल की हालत बिगड़ती जा रही है और हमें उनकी चिंता है।
कुछ दिन पहले ही एक और किसान ने यहीं पर जान दे दी थी। अब रेशम सिंह ने ऐसा अतिवादी कदम उठा लिया। मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वह लंबे समय से चल रहे आंदोलन का कोई हल न निकलने से निराश थे। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से आंदोलन पर संज्ञान न लेने को लेकर नाराजगी जताई और यह कदम उठा लिया।
आखिर हरियाणा के किसान पंजाब वालों के साथ आंदोलन में क्यों नहीं उतर रहे हैं। यही नहीं यूपी के किसानों में भी इसे लेकर कोई हलचल नहीं दिख रही है। पंजाब से लगते जिलों करनाल, अंबाला और कुरुक्षेत्र जैसे इलाकों में भी किसानों के बीच आंदोलन को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा है। इसके कई कारण माने जा रहे हैं।
डल्लेवाल ने कहा कि मेरी प्राथमिकता कृषि सुधार है। मेरी जिंदगी और सेहत तो बाद की बात हैं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस नवाब सिंह, पूर्व डीजीपी बीएस संधू, अर्थशास्त्री बीएस घुम, कृषि एक्सपर्ट देविंदर शर्मा और पंजाब किसान आयोग के चेयरपर्सन सुखपाल को सुप्रीम कोर्ट ने तय कमेटी में शामिल किया है।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलनकारियों को ही नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि यदि बिना किसी शर्त के वार्ता की जाए तो कुछ बात बन सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तो पहले ही वार्ता की पेशकश कर चुकी है, लेकिन इसके लिए बिना किसी शर्त के आगे आना होगा।