काशी में 350 साल से चली आ रही बाबा विश्वनाथ और मां गौरी की पालकी यात्रा पहली बार ढंककर निकाली गई। इसे लेकर यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आक्रोश जताया और इसे काशी का अपमान कहा है।
रंगभरी एकादशी के साथ ही होली का उल्लास और चटक हो गया है। सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर से अयोध्या के रामललाऔर वृंदावन के बांके बिहारी तक होली का खास उमंग देखने को मिला। इस दौरान जनसैलाब उमड़ा रहा।
Amalaki Ekadashi Upay: 10 मार्च, 2025 के दिन इस साल की आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है इस दिन कुछ उपाय कर लेने से श्री हरि का आशीर्वाद मिलने के साथ सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है।
Amalaki Ekadashi 2025 Time: आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी है, जो रंगभरी एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आमलकी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
Amalaki ekadashi 2025 vrat Paran Time: हिंदू धर्म में हर महीने दो एकादशी व्रत किए जाते हैं। आज 10 मार्च 2025, सोमवार को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी व्रत है। जानें व्रत पारण का मुहूर्त-
होलिका दहन से चार दिन पहले आती है आमलकी एकादशी, जो फाल्गुन मास की आखिरी एकादशी है। इसे रंगभरी एकादशी भी कहते हैं। इसके बाद से फाल्गुन का महीना खत्म होकर चैत्र का महीना लगता है।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी या रंगभरी एकादशी कहते हैं। एकादशी तिथि का प्रारंभ रविवार सुबह 7:45 बजे और समापन सोमवार सुबह 7:44 बजे होगा। ऐसे में 10 मार्च को रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एकादशी 10 मार्च, यानी सोमवार को है। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे और व्रत रखकर उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करेंगे।