अदालत ने सवाल किया कि सीबीआई मौजूदा समय में किस पहलु को केंद्र में रखकर जांच कर रही है। इसके जवाब में मजूमदार ने कहा कि एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि क्या अपराध के पीछे कोई बड़ी साजिश थी और क्या सबूत नष्ट करने का कोई प्रयास किया गया था।
चार महीनों से स्टाइपेंड नहीं मिलने से आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों ने पीएमसएच में हड़ताल कर दी। इस दौरान ओपीडी काफी देर तक बंद रही। जिसके चलते मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल को खत्म किया।
न्यायाधीश नोर्लिजा ने कहा कि अदालत को इस मामले को लेकर कई सारी जानकारियां दी गईं। यह बताया गया कि मरीज एम पुनिता को अपने दूसरे बच्चे के जन्म और नाल को हटाने के बाद गंभीर रक्तस्राव हुआ था।
60 साल का आदमी अपने नितंबों के बल गिर गया था जिसके बाद उसके घुटनों में दर्द होने लगा। यह समस्या लेकर वह डॉक्टर के पास गया, जहां जांच के दौरान इस दुर्लभ स्थिति के बारे में जानकारी मिली।
इस सम्मेलन की शुरुआत 15 नवंबर को एम्स भुवनेश्वर के मुख्य सभागार में एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जिसमें प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और चिकित्सा दिग्गजों ने भाग लिया।
आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स में से एक देबाशीष हलदर ने कहा, 'हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चर्चा के लिए बैठें। हमारी सभी मांगों को लागू करें।'
कोलकाता कांड को लेकर बीएचयू में शुरू हुई डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। सभी डॉक्टर शुक्रवार से ही काम पर लौट आए हैं।
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में डॉक्टरों की हड़ताल से 2000 मरीजों को इलाज नहीं मिला। ओपीडी से लेकर वार्ड तक में सेवाएं रोक दी। इसकी वजह से केजीएमयू में अफरा-तफरी का माहौल है।
पीजीआई लखनऊ के रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। कोलकाता में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में उन्होंने पहले ही इसका ऐलान किया था। मंगलवार को उन्होंने ओपीडी में कार्य बहिष्कार कर दिया। इससे नए रोगियों को काफी परेशान होना पड़ रहा है।
जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘राज्य सरकार समय सीमा के भीतर हमारी मांगें पूरी करने में विफल रही, इसलिए हम अपनी मांगें पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हमने उस मंच पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।