Vat Savitri vat parrnima vrat ki katha: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं ज्येष्ठ मास की अमावस्या और पूर्णिमा दोनों दिन करती हैं। अलग-अलग परंपराओं के अनुसार अलग-अलग जगहों पर वट सावित्री व्रत वट अमावस्या और पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
Vat Savitri Vrat Katha in Hindi:वट सावित्री व्रत के दिन सत्यवान और सावित्री की कथा पढ़ी जाती है। कैसे उसने यमराज से सत्यवान के प्राण वापस लिए
वट सावित्री का व्रत 6 जून को है। सुहागिन महिलाएं इस दिन बरगद की पूजा और व्रत करती हैं। साथ ही पूरे 16 श्रृंगार में तैयार होती है। अगर आप हाथों पर मेहंदी लगाना चाहती हैं लेकिन समय नहीं मिल रहा तो इन आसान सी मेहंदी डिजाइन को हाथों पर सजाएं।
Vat Savitri Vrat ki kahani:इस साल आप वट सावित्री व्रत 6 जून को रखा जाएगा। यह ज्येष्ठ मास की अमावस्या को किया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास करती हैं। ऐसा कहा जाता है
वट सावित्री व्रत ज्येष्ट माह के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शनि भगवान का जन्म भी हुआ था। वट सावित्री व्रत में सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस साल 19 मई को वट सावित्री
Vat savitri vrat katha in hindi: पुराणों में वर्णित स कथा के अनुसार राजर्षि अश्वपति की केवल एक ही बेटी थी सावित्री। सावित्री की शादी वनवासी राजा द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान से की गई। सत्यवान और सावि
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले व्रतों में वट अमावस्या को बेहद उत्तम व प्रभावी व्रतों में से एक माना गया है। इस व्रत को करके सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
10 जून यानी कल वट सावित्री का व्रत है। हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन ये आरती भी जरूर...
वट सावित्री व्रत के दिन सावित्री यमराज से अफने पति के प्राण वापस लेकर आई थी, तभी से वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर रखा जाता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके तैयार होती हैं और नई...
अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओं का वट सावित्री व्रत कल 10 जून को किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस दिन वृष राशि में चार ग्रह बैठे हैं। सूर्य, चंद्र, बुध और राहु ग्रह एक साथ मिलकर चतुर्गही योग...