सिख से बने थे इसाई, पीलीभीत के चार गांवों के 61 परिवारों ने अपने धर्म में की वापसी
पीलीभीत जिले के हजारा क्षेत्र में धर्म परिवर्तन के मामले को लेकर सोमवार को सिख सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कई गुरुद्वारों से धर्मगुरु व उपदेशक आए। इस दौरान करीब चार गांवों के 61 परिवारों की धर्म वापसी का दावा किया गया।

पीलीभीत जिले के हजारा क्षेत्र में धर्म परिवर्तन के मामले को लेकर सोमवार को सिख सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कई गुरुद्वारों से धर्मगुरु व उपदेशक आए। इस दौरान करीब चार गांवों के 61 परिवारों की धर्म वापसी का दावा किया गया। हजारा क्षेत्र के नेपाल सीमावर्ती गांव में कथित धर्म परिवर्तन का मामला बीते कई माह से चल रहा है। जिसको लेकर कई बार पंचायतें भी हुई हैं। पिछले दिनों अलग-अलग आरोप लगाते हुए मुकदमे भी दर्ज कराए गए थे। प्रकरण में भारतीय सिख संगठन ने क्षेत्र के गांव में लोगों से मुलाकात कर धर्म के बारे में जानकारी देते हुए वापसी की अपील की थी।
इसके बाद सोमवार को क्षेत्र के गांव राघवपुरी में सिख सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें दूर दराज के गुरुद्वारों से धर्मगुरु और उपदेशक आए। उन्होंने धर्म के बारे में विस्तार से चर्चा की और धर्म को ही सर्वोपरि बताया। धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को जागरुक करते हुए उन्हें वापसी की राह दिखाई और प्रेरक प्रसंग सुनाए। इस दौरान कई लोगों ने पुनः सिख धर्म को अपनाते हुए संगत में अपनी सहभागिता दी।
61 परिवारों की मूल धर्म में वापसी : विर्क
भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसवीर सिंह विर्क ने बताया कि क्षेत्र के चार गांव से 61 परिवारों ने मूल धर्म में वापसी की है। अन्य लोग भी अपने धर्म के प्रति वफादार रहेंगे। लालच या भ्रमित होकर गुमराह न हों।
लौटने वालों को लगाया गले
ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के जिलाध्यक्ष परमजीत सिंह ने लोगों को ईसाई धर्म से वापस आने वाले लोगों को अपने गले लगाने की बात कही। इसमें सिख संगठन प्रतिनिधिमंडल और महंगापुर के बाबा गुरनाम सिंह, बाबा गुरविंदर सिंह, बाबा बलदेव सिंह, अमरिया से बाबा मोहन सिंह, खजुरिया से सुलखान सिंह आदि मौजूद रहे। क्षेत्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नानक नगरी बेलाहा के गुरुद्वारा अध्यक्ष गुरदयाल सिंह की कमेटी ने बताया कि दूसरे धर्म में गए लोगो ने स्वेच्छा से घर वापसी का आश्वासन दिया है। कुछ लोगों ने घर वापसी भी की है। सिख सम्मेलन में अन्य कई गुरुद्वारों से भी काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे।