Healthcare Workers in Soron Struggle with Deteriorating Living Conditions बोले कासगंज: लोगों का इलाज करने वालों को आवास तो मुहैया कराओ सरकार, Agra Hindi News - Hindustan
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बोले कासगंज: लोगों का इलाज करने वालों को आवास तो मुहैया कराओ सरकार

Agra News - सोरों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मी जर्जर आवासों की समस्याओं से जूझ रहे हैं। वर्ष 1985 में बने इन आवासों की छतें और दीवारें खराब हो चुकी हैं, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराSun, 18 May 2025 07:52 PM
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बोले कासगंज: लोगों का इलाज करने वालों को आवास तो मुहैया कराओ सरकार

रोगग्रस्त जनता को उपचार मुहैया कराने वाले स्वास्थ्य कर्मी आज अपनी ही समस्याओं की पीड़ा से कराह रहे हैं। सोरों स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में रहने वाले ये स्वास्थ्य कर्मचारी आवास, बिजली और पानी से संबंधित विभिन्न प्रकार की मूलभूत समस्याओं से जूझने को मजबूर हैं। वर्ष 1985 में स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के साथ ही परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों को रहने के लिए आवास का निर्माण कराया था। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इन्हें मजबूरन अस्पताल परिसर में ही रहना पड़ता है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के जनसंवाद कार्यक्रम ‘बोले कासगंज के तहत सोरों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात इन कर्मियों ने अपनी समस्याओं को साझा किया।

हादसे को दावत दे रहे जर्जर मकान सोरों स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में चिकित्सक, फार्मेसिस्ट तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों समेत लगभग 25 से 30 अधिक लोग अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इन कर्मियों को स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही रहना पड़ता है। यहां रहने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी बताते हैं कि उनके आवासों का निर्माण वर्ष 1985 में स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के साथ ही हुआ था। लेकिन अब ये सरकारी आवास बिल्कुल जर्जर हो चुके हैं।

समय पर मरम्मत ना हो पाने के कारण इन आवासों में स्वास्थ्य कर्मियों को ना केवल असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उनकी सुरक्षा भी खतरे में है। स्वास्थ्य केंद्र के विभिन्न विभागों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को हर दिन इन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। आवासों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि सरकारी आवासों की जर्जर हो चुकी छतों से पानी टपकता है।

आवासों की दीवारों में भी दरारें आ रही हैं और बिजली की फिटिंग भी खराब हो चुकी है। इससे इन आवासों में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य कर्मी बताते हैं कि इन आवासों में रहने से उन्हें हादसे का भय भी लगा रहता है। वहीं बारिश के मौसम में इन जर्जर आवासों में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का सामान खराब हो जाता है तथा उनके घरेलू उपकरण भी फुंक जाते हैं। स्वास्थ्य कर्मी बताते हैं कि हमारे वेतन से सरकार हाउस रेंट अलाउंस भी काट रही है। इसके बाद भी हम इन जर्जर हो चुके आवासों में रहने को मजबूर हैं। प्रशासन को इन आवासों की मरम्मत पर तत्काल ध्यान देना चाहिए, जिससे कि हमें भविष्य में किसी दुर्घटना का सामना ना करना पड़े।

कर्मचारियों के मन की बात भी सुने सरकार

समय पर मरम्मत न होने के कारण हमारे आवास जर्जर हो चुके हैं। आवासों की छतों से पानी टपकता हैं। आपात परिस्थितियों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए हमें अस्पताल परिसर में ही रहना पड़ता है।

-कौशल कुमार

हमारे आवासों में पेयजल की आपूर्ति हेतु स्थापित पम्प भी काफी समय से खराब पड़ा हुआ है। हम सभी ने चंदा के द्वारा धन जुटाकर आवासों में पेयजल की आपूर्ति हेतु एक पम्प लगवाया है।

- मनोज कुमार

वर्षों से हमारे आवासों पर पेंट नहीं हुआ है। क्षतिग्रस्त हो चुके आवासों की मरम्मत भी हमें स्वयं ही करानी पड़ती है। इससे अतिरिक्त बोझ भी हम स्वास्थ्य कर्मियों की जेब पर ही पड़ता है।

-नीरज कुमार

हमारे आवासों की छतों का प्लास्टर भी चटका हुआ है। आपातकालीन ड्यूटी के लिए हमें मजबूरन इन्हीं आवासों में रहना पड़ता है। मजबूरन हमें ही अपने क्षतिग्रस्त आवासों की मरम्मत करानी पड़ती है।

-पंकज गौतम

आवासों की दीवारों में भी दरारें आ चुकी हैं। वहीं सीमेन्ट के बीम व कॉलम भी चटके हुए हैं। आवासों की मरम्मत की कोई सुध नहीं लेता। हम स्वास्थ्य कर्मी ही अपनी जेब से इनकी मरम्मत कराते हैं।

-अभिषेक कुमार

हमारे वेतन से सरकार हाउस रेंट अलाउंस भी काटती है। लेकिन उसके बाद भी इन आवासों की मरम्मत नहीं हो पाती। पेयजल हेतु लगी टंकियां भी खराब हो चुकी हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।

-आकाश कुमार

इन सरकारी आवासों में बिजली की फिटिंग भी खराब हो चुकी है। इससे आए दिन हम लोगों को करंट लग जाता है। बिजली की फिटिंग खराब होने के कारण कभी-भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है।

-ऋषभ कुमार

पानी की पाइप लाइन खराब होने से आवासों में पानी भी नहीं पहुंचता। हमें दैनिक प्रयोग के लिए सुबह ही बाल्टियों एवं टबों में पानी भरकर रखना पड़ता है। पीने को भी हम बोतलों में पानी भरकर रखते हैं।

-सौरभ कुमार

आवासों में बालकनी की दीवारें भी टूट चुकी हैं। वहीं जंगले एवं खिड़कियां भी जर्जर हो गई हैं। इससे आवासों में रखे कीमती सामान के चोरी होने का भी भय बना रहता है। हमारी सुध कोई नहीं लेता।

-नितिन

हमारे आवास की हालत बिल्कुल खस्ता है। ये आवास इतनी जर्जर अवस्था में हैं कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हम चाहते हैं कि प्रशासन इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देकर, मरम्मत करानी चाहिए।

-डॉ. धर्मेन्द्र आर्य

अस्पताल परिसर के इन आवासों में दूषित जल के निकास हेतु बनी नालियां भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इस वजह से आवासों के बाहर एवं आसपास दुर्गंध भी आती रही है। वहीं इससे मच्छरों का प्रकोप भी रहता है।

-बादल कुमार

हम अस्पताल में आने वाले रोगियों का उपचार एवं सेवा पूरे मनोभाव के साथ करते हैं। लेकिन अपनी समस्याओं का हमारे पास कोई उचित समाधान नहीं हैं। हम स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देता।

-शुभम

हमारे जर्जर हो चुके आवासों की मरम्मत के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। यदि इन आवासों की मरम्मत नहीं कराई गई। तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

-डॉ. गजेन्द्र सिंह

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