Bad roads and waterlogging in koyale wali gali कोयले वाली गली में बदहाल सड़कें और जलभराव, Aligarh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUP Newsअलीगढ़Bad roads and waterlogging in koyale wali gali

कोयले वाली गली में बदहाल सड़कें और जलभराव

रेलवे रोड को सराय हकीम और रसलगंज से जोड़ने वाली कोयले वाली गली इन दिनों बदहाली की मिसाल बन चुकी है। यह गली अलीगढ़ की उन पुरानी सड़कों में गिनी जाती है, जो कभी व्यापार की धड़कन हुआ करती थीं।

Sunil Kumar हिन्दुस्तानFri, 13 June 2025 07:32 PM
share Share
Follow Us on
कोयले वाली गली में बदहाल सड़कें और जलभराव

हिन्दुस्तान के अभियान बोले अलीगढ़ के तहत जब हमारी टीम इस गली में पहुंची, तो हर मोड़ पर उपेक्षा और प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीरें सामने आईं। कोयले वाली गली की सड़कें जगह-जगह से उखड़ी हुई हैं। गड्ढे इतने गहरे हैं कि उनमें बारिश का पानी और कूड़ा जमा हो जाता है, जिससे सड़कें फिसलन भरी और बेहद खतरनाक हो जाती हैं। यह गली दो व्यस्त इलाकों रेलवे रोड और सराय हकीम को जोड़ती है। इसके बावजूद इसकी मरम्मत वर्षों से नहीं हुई। टूटी सड़कों के कारण दोपहिया वाहन चालकों को रोजाना गिरने का डर सताता है। कई बार लोग चोटिल भी हो चुके हैं। इस गली में सहकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा, निजी स्कूल और गेस्ट हाउस जैसे सार्वजनिक स्थल हैं। इसके अलावा सड़क के दोनों ओर कपड़े, खानपान, प्रिंटिंग और हार्डवेयर की दुकानें मौजूद हैं। इन प्रतिष्ठानों पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना होता है। लेकिन सड़कों की हालत और चारों ओर फैली गंदगी ने इस आवाजाही को एक कठिन कार्य बना दिया है। ग्राहक आने से कतराने लगे हैं, जिससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सड़क की जर्जर हालत के साथ-साथ गली में कूड़े का संकट भी गंभीर हो गया है। कूड़ा उठाने के लिए न तो कोई नियमित व्यवस्था है और न ही सफाई कर्मियों की उपस्थिति। सुखमा संस की गाड़ी कई-कई दिनों तक नहीं आती, जिससे कूड़ा ड्रम से बाहर बहकर सड़क पर फैल जाता है। इससे बदबू फैलती है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। राहगीर और दुकानदार दोनों इस दुर्गंध से बेहद परेशान हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस समस्या को लेकर कई बार नगर निगम और क्षेत्रीय पार्षद से शिकायत की गई है। लेकिन हर बार सिर्फ भरोसा और आश्वासन मिला। न तो निरीक्षण हुआ और न ही कोई निर्माण कार्य शुरू किया गया। धीरे-धीरे लोग प्रशासन से उम्मीद छोड़ने लगे हैं। गली की दुर्दशा का सबसे गहरा असर यहां के व्यापार पर पड़ा है। दुकानदार बताते हैं कि ग्राहक अब इस रास्ते से गुजरने से कतराते हैं। इससे उनकी रोजमर्रा की बिक्री पर सीधा असर पड़ा है। व्यापार ठप पड़ता जा रहा है और लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़क निर्माण और सफाई की उचित व्यवस्था नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे और निगम कार्यालय का घेराव करेंगे।

....................

कुछ प्रमुख मांग

-कोयले वाली गली की सड़क का तत्काल पुनर्निर्माण किया जाए।

-कूड़ा उठाने के लिए नियमित सफाई वाहन की व्यवस्था हो।

-गली में नाली सफाई और जल निकासी की सुविधा सुनिश्चित की जाए।

-प्रशासन द्वारा क्षेत्रीय निरीक्षण कर साप्ताहिक समीक्षा की जाए।

-सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के आसपास सफाई को प्राथमिकता दी जाए।

नंबर गेम

-10 नंबर वार्ड में आती है कोयले वाली गली

-100 से अधिक हार्डवेयर, कपड़े, खानपान के प्रतिष्ठान हैं इलाके में

टूटी सड़कें बनीं जानलेवा

रेलवे रोड से सराय हकीम को जोड़ने वाली कोयले वाली गली में सड़कें इस कदर टूट चुकी हैं कि पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। जगह-जगह गहरे गड्ढे हैं। जिनमें बारिश या नाली का पानी भर जाता है। बाइक सवार अक्सर फिसलकर गिर जाते हैं। यह सड़क न सिर्फ आवागमन का प्रमुख मार्ग है। बल्कि बैंकों, स्कूलों और दुकानों की वजह से अत्यधिक भीड़भाड़ वाला इलाका भी है। कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन मरम्मत की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ। क्षेत्रीय निवासी अब अपनी समस्याओं को लेकर एकजुट हो रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब और इंतजार नहीं करेंगे। अगर जल्द ही सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ और कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं सुधरी, तो वे नगर निगम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

.......................

गंदगी से सांस लेना मुश्किल

गली के दोनों ओर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। इस वार्ड में कूड़ा और गंदगी निस्तारण की जिम्मेदारी सुखमा संस की है। लेकिन, कूड़े की गाड़ी कई दिन तक नहीं आती। जिससे गंदगी सड़क तक फैल जाती है। बरसात में यह स्थिति और भयावह हो जाती है जब कूड़ा सड़कों पर बहकर कीचड़ के साथ मिल जाता है। व्यापारियों और राहगीरों को लगातार दुर्गंध और संक्रमण के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ चुका है।

..........................

कारोबार पर पड़ा सीधा असर

गली में मौजूद प्रिंटिंग प्रेस, कपड़े की दुकानें, खानपान स्टॉल और हार्डवेयर शॉप पहले रेलवे रोड से आने वाले ग्राहकों के भरोसे चलती थीं। लेकिन अब ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक यहां तक पहुंचना ही नहीं चाहते क्योंकि रास्ता खराब और बदबूदार है। परिणामस्वरूप, उनका व्यापार करीब 40 फीसद तक गिर चुका है। कई दुकानें बंद होने की कगार पर हैं।

.....................

शिकायतों का अभी तक समाधान नहीं

स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने नगर निगम अधिकारियों और क्षेत्रीय पार्षद से दर्जनों बार शिकायत की है। कभी ज्ञापन दिए गए तो कभी फोन कॉल किए गए, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। न तो कोई निरीक्षण हुआ और न ही समस्या का स्थायी हल। जनता अब यह मानने लगी है कि जब तक कोई बड़ा आंदोलन नहीं होगा, तब तक प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।