अलीगढ़ महानगर इस बार भीषण गर्मी से केवल तापमान के स्तर पर नहीं, पीने के पानी की भीषण किल्लत से भी जूझ रहा है। आबादी में बढ़ोतरी, जलस्रोतों की सीमित उपलब्धता और सरकारी अव्यवस्थाओं के चलते शहर के हर कोने से पानी के संकट की खबरें सामने आ रही हैं।
एक अच्छी तस्वीर केवल एक कैमरे से नहीं उतरती। उसमें वो आंखें चाहिए जो सतह से परे देखती हों। वो दृष्टि चाहिए जिसमें संवेदना भी हो और संकल्प भी। कुछ ऐसा ही है एक फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर का जीवन।
हिन्दुस्तान समाचार पत्र के बोले अलीगढ़ अभियान के तहत मंगलवार को हेल्पिंग हैंड सोसाइटी के पदाधिकारियों से संवाद हुआ। संवाद में सोसायटी की समाजसेवा यात्रा की झलक तो मिली ही। साथ ही शहर की बदहाल व्यवस्थाओं और स्मार्ट सिटी के नाम पर हो रहे अव्यवस्थित विकास कार्यों पर तीखे सवाल भी उठाए गए
हिन्दुस्तान समाचार पत्र के विशेष अभियान बोले अलीगढ़ के तहत रविवार को टीम ने उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों से संवाद किया। इस दौरान व्यापारियों ने खुलकर नगर निगम, परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन की खामियों को उजागर किया।
अलीगढ़ की सड़कों पर भरे गंदे पानी ने एक बार फिर नगर निगम की कार्यप्रणाली की कलई खोल दी है। करोड़ों की लागत से हर साल नालों की सफाई के दावे किए जाते हैं, लेकिन जरा सी बारिश या नाले के ओवरफ्लो से पूरा शहर जलभराव की गिरफ्त में आ जाता है।
अलीगढ़ मंडल में किसानों के लिए जीवनरेखा मानी जाने वाली साथा सहकारी चीनी मिल आज खुद इलाज की मोहताज हो गई है। सात वर्षों से आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि की मांग कर रहे किसान अब तक न तो कोई ठोस कार्य होते देख पाए और न ही सरकारी घोषणाओं का धरातल पर उतर पाई।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना को अलीगढ़ में लागू हुए सात साल बीत चुके हैं, लेकिन शहरवासी अब भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं। वर्ष 2017-18 में सिविल लाइन क्षेत्र को फोकस करते हुए स्मार्ट सिटी योजना स्वीकृत हुई थी।
जब कोई बच्चा मंच पर श्रीराम बनता है, तो केवल किरदार नहीं निभाता। वह आदर्शों की जीवंत मूर्ति बन जाता है। अलीगढ़ की सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, केशव नगर में चल रही रंग पाठशाला किसी साधारण नाट्य कार्यशाला की तरह नहीं। एक आध्यात्मिक यज्ञ की तरह है।
कूड़े के निस्तारण के नाम पर शुरू हुआ ए टू जेड प्लांट अब मथुरा रोड की आबादी के लिए नासूर बनता जा रहा है। एक दशक पहले जिस सोच के साथ इसकी नींव रखी गई थी, वह अब ध्वस्त होती दिख रही है।
बोले अलीगढ़ अभियान के अंतर्गत रविवार को हिन्दुस्तान समाचार पत्र की टीम ने ट्रक ऑपरेटरों की समस्याओं को समझने के लिए ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के पदाधिकारियों से संवाद किया। यह संवाद जिले के परिवहन व्यवस्था में फैली अव्यवस्था, सरकारी अनदेखी और ट्रक चालकों के आर्थिक संकट को उजागर करता है।