Women Lawyers Face Basic Issues in Ambedkarnagar Court Complex बोले अम्बेडकरनगर-चैंबर और शौचालय का सही हो इंतजाम तो सहूलियत मिले, Ambedkar-nagar Hindi News - Hindustan
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बोले अम्बेडकरनगर-चैंबर और शौचालय का सही हो इंतजाम तो सहूलियत मिले

Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर के न्यायालय परिसर में महिला अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक ही शौचालय की नियमित सफाई नहीं हो रही है, न ही उनके लिए अलग चैंबर या विश्राम स्थल है। जलनिकासी और पेयजल की...

Newswrap हिन्दुस्तान, अंबेडकर नगरThu, 29 May 2025 04:51 PM
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बोले अम्बेडकरनगर-चैंबर और शौचालय का सही हो इंतजाम तो सहूलियत मिले

अम्बेडकरनगर। जनपद न्यायालय में वादकारियों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी निभाने वाली महिला अधिवक्ताओं को ही कई प्रकार की मूलभूत समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। परिसर में महिलाओं के लिए शौचालय है, उसकी भी नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। महिला अधिवक्ताओं के लिए न तो अलग से चैंबर है और न ही उनके लिए कोई विशेष विश्राम स्थल। लो वोल्टेज की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, तो पेयजल की भी दिक्कत बनी हुई है। जलनिकासी के लिए नालियों का निर्माण तो है, लेकिन नियमित साफ-सफाई न होने से बारिश होने पर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

परिसर में साफ सफाई व्यवस्था भी बेहतर नहीं है। एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में दिक्कत होती है। महिला अधिवक्ताओं का कहना है कि नालियों की बेहतर तरीके से साफ-सफाई कराने व क्षतिग्रस्त नालियों को दुरुस्त कराए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। बारिश का मौसम करीब है। जनपद न्यायालय में लगभग 90 महिला अधिवक्ता हैं। वे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भी बेहतर तरीके से कर रही हैं। इसके बावजूद वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। परिसर में एकमात्र शौचालय महिलाओं के लिए है, लेकिन उसकी नियमित रूप से साफ-सफाई कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा महिला अधिवक्ताओं के लिए अलग से चैंबर भी नहीं है। इस समस्या को दूर करने के लिए कई बार जिम्मेदारों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजतन, इसका खामियाजा महिला अधिवक्ताओं को भुगतना पड़ता है। वादकारियों को न्याय दिलाने वाली महिला अधिवक्ताओं को ही कई प्रकार की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जनपद न्यायालय परिसर में नगर पालिका प्रशासन द्वारा एकमात्र शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन उसकी बेहतर तरीके से देखभाल नहीं की जा रही है। नियमित साफ सफाई न होने से शौचालय चोक पड़ा है। इससे इसका बेहतर तरीके से लाभ महिला अधिवक्ताओं को नहीं मिल रहा है। कई बार तो उन्हें असहज सी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, जनपद न्यायालय परिसर में महिला अधिवक्ताओं के लिए अलग से चैंबर नहीं है। इसके अलावा उनके लिए विश्रामस्थल भी नहीं है। ऐसे में यदि कभी किसी महिला अधिवक्ता की तबीयत खराब हो जाती है तो उन्हें विश्राम करने के लिए कोई स्थान तक नहीं है। महिला अधिवक्ताओं का कहना है कि शौचालय की संख्या बढ़ाए जाने, उसकी समुचित देखभाल किए जाने, चैंबर का निर्माण कराए जाने की मांग जिम्मेदारों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों से भी की जाती रहती है, लेकिन सिर्फ कोरे आश्वासन मिलते हैं। भीषण गर्मी में बेपटरी है पेयजल व्यवस्था: भीषण गर्मी क प्रकोप है। ऐसे में बेपटरी पेयजल व्यवस्था ने अधिवक्ताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। परिसर में कम से कम आधा दर्जन स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था किए जाने व वॉटर कूलर की संख्या बढ़ाए जाने की मांग नगर पालिका प्राासन से की जा रही है, लेकिन कोई सुधि नहीं ली जा रही है। जलभराव की रहती है समस्या: जलनिकासी के लिए नालियों का निर्माण तो है, लेकिन उनकी नियमित साफ सफाई व देखरेख न होने से कई स्थानों पर नाली क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा समुचित साफ-सफाई न होने से कई जगह चोक है। इससे बारिश होने पर जलभराव की समस्या हो जाती है, जिससे अधिवक्ताओं को आवगामन में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जलभराव समस्या दूर करने के लिए नगर पालिका प्रशासन द्वारा बढ़ चढ़कर दावा तो किया जाता है, लेकिन उसे जमीनी हकीकत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनपद न्यायालय जैसे महत्वपूर्ण परिसर में ही जलभराव की समस्या बनी हुई है। दरअसल नालियों की बेहतर तरीके से साफ सफाई नहीं की जाती है। इसके अलावा देखरेख न होने से कई स्थानों पर नालियां क्षतिग्रस्त भी है। इसी का नतीजा है कि हल्की बारिश होने पर ही नालियों के चोक होने से परिसर में जलभराव हो जाता है। इससे सबसे अधिक समस्या महिला अधिवक्ताओं को आवागमन में होती है। एक तो गर्मी, उसपर बिजली संकटएक तो गर्मी, उसपर बिजली संकट: मौजूदा समय में भीषण गर्मी का प्रकोप है। ऐसे में कोर्ट परिसर में लो वोल्टेज की समस्या अधिवक्ताओं को परेशान कर रही है। गर्मी से राहत पाने के लिए पंखे तो हैं, लेकिन लो वोल्टेज के चलते वह रेंगते हैं। इससे अधिवक्ताओं को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली उपलब्ध कराने के लिए पावर कर्पोरेशन बढ़ चढ़कर दावे तो करता है, लेकिन इसे लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनपद न्यायालय परिसर में लो वोल्टेज की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। इसके अलावा बार बार की ट्रिपिंग भी होती है। मौजूदा समय में आसमान से आग बरस रही है। गर्मी से बचने के लिए अधिवक्ताओं ने पंखा तो लगवा रखा है, लेकिन लो वोल्टेज के चलते उसका समुचित लाभ नहीं उठा पा रहे हें। सबसे अधिक मुश्किल महिला अधिवक्ताओं को उठाना पड़ता है। पुरुष अधिवक्ता तो किसी प्रकार से गर्मी बर्दाश्त कर लेते हैं, लेकिन महिला अधिवक्ताओं को दिक्कत होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए पावर कार्पोरेशन के साथ साथ अन्य जिम्मेदारों को भी कई बार लिखित व मौखिक शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजतन, समस्या जस की तस बनी हुई है। महिला अधिवक्ताओं का कहना है कि इस समस्या को दूर करने के लिए जिम्मेदारों को गंभीरता दिखानी चाहिए। प्रतिदिन बड़ी संख्या में वादकारी भी यहां आते हैं। ऐसे में लो वोल्टेज के चलते उन्हें भी कई प्रकार की दिक्कत होती है। बोलीं अधिवक्ता- जब कोई महिला अधिवक्ता पहली बार कोर्ट पहुंचती है तो उसे कई प्रकार की दिक्कत का सामना पड़ता है। कोई परिचित नहीं होता है। इससे जल्दी मदद नहीं मिलती। -पूजा वर्मा महिला अधिवक्ताएं महिला सशक्तिकरण को लगातार मज़बूत कर रहीं है। वे पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मज़बूती के साथ अपना पक्ष अदालत में रखती हैं। -ऊषा वर्मा महिला अधिवक्ताएं जिम्मेदारी का निर्वहन बेहतर तरीके से करती हैं। केस मिलने पर पीड़ित को संतोषजनक न्याय दिलाती हैं। -चन्द्रकला परिसर में वैसे तो साफ सफाई रहती है,सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाएं, जिससे साफ सफाई व्यवस्था और भी बेहतर हो सके। -संध्या राजभर परिसर में महिलाओं के लिए मात्र एक शौचालय है। साफ-सफाई न होने से इसका सुचारु रूप से लाभ नहीं मिल रहा है। -पूनम महिला अधिवक्ताओं के लिए परिसर में अलग से विश्राम स्थल नहीं है। ऐसे में तबीयत बिगड़ने पर परेशानी होती है। -पूजा महिला अधिवक्ताओं के लिए अलग से कोई चैंबर नहीं है। इससे अधिवक्ताओं को कई प्रकार की दिक्कत हो रही है। -संगीता परिसर में लो वोल्टेज की समस्या लगातार बनी हुई है। इससे तेज गर्मी में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। -अर्चना भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। इसे देखते हुए नगर पालिका परिषद के जिम्मेदारों को आधा दर्जन स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था करनी चाहिए। -मोनिका तहसील अधिवक्ताओं के लिए पेयजल व्यवस्था बेहतर नहीं है। ऐसे में इस समस्या को दूर करने के लिए तहसील परिसर में वॉटर कूलर लगवाया जाए। -कनीज बानो बोले जिम्मेदार- न्यायालय परिसर में स्थित महिला अधिवक्ताओं के शौचालय की नियमित रूप से साफ सफाई किए जाने के लिए नगर पालिका परिषद प्रशासन को पत्र भेजा गया है। शीघ्र ही विश्राम स्थल निर्माण के लिए भी नगर पालिका को प्रस्ताव भेजा जाएगा। महिला अधिवक्ताओं की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाता है। -केडी मिश्र, अध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन अम्बेडकरनगर

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