Fear in Kutubpur Hamidpur Leopard Attacks Spark Panic Among Villagers तेंदुए का खौफ: शाम होते ही रास्ते वीरान...दहशत में किसान, Amroha Hindi News - Hindustan
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तेंदुए का खौफ: शाम होते ही रास्ते वीरान...दहशत में किसान

Amroha News - नौगावां सादात थाना क्षेत्र के गांव कुतुबपुर हमीदपुर में तेंदुए के हमले से ग्रामीणों में खौफ फैल गया है। तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद गांव में महिलाएं और बच्चे खेतों की ओर नहीं जा रहे हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाMon, 9 June 2025 03:11 AM
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तेंदुए का खौफ: शाम होते ही रास्ते वीरान...दहशत में किसान

नौगावां सादात थाना क्षेत्र के गांव कुतुबपुर हमीदपुर में अब दोहरा खौफ बना है। एक तरफ जहां ग्रामीणों के बीच तेंदुए को लेकर दहशत बनी है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस के साथ वन विभाग की कार्रवाई की जद में आने का डर ग्रामीणों को सता रहा है। वीडियो और फोटो से की जा रही आरोपियों की पहचान की जानकारी मिलने के बाद कुछ ग्रामीण गांव से गायब हो गए हैं। वहीं, गांव में महिलाओं और बच्चों को खेतों की ओर अकेले भेजने पर फिलहाल पाबंदी लगा दी गई है। शनिवार को खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला करने के गुस्से में तेंदुए को पीट-पीटकर मार डालने के आरोप में गिरफ्तार होकर तीन आरोपियों के जेल जाने के बाद गांव का माहौल एकदम बदला-बदला हुआ दिखा।

रविवार को भी दिनभर गांव में हर तरफ तेंदुए का शोर मचता रहा। तैरती अफवाहों के बीच ग्रामीण दहशत के साए में रहे। खेतों की ओर जाने से भी किनारा किया गया। नाम नहीं छापने के वादे पर कुछ ग्रामीणों ने खुलकर की बातचीत में वन अफसरों के खिलाफ अपनी खूब भड़ास निकाली। ग्रामीणों का कहना था कि इससे पहले भी गांव से सटे जंगल में कई बार तेंदुए को देखा जा चुका है। जिसकी शिकायत हर बार वन विभाग कार्यालय में की गई लेकिन कभी जिम्मेदार अफसरों ने तेंदुए को पकड़ने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। शनिवार को तेंदुए का हमला कोई मामूली नहीं था, अगर समय रहते उसे काबू में नहीं किया जाता तो वो कई किसानों की जान ले सकता था। ग्रामीणों द्वारा उस पर किया गया हमला उसे मारने के इरादे से बिल्कुल नहीं था बल्कि वहां से भगाने के लिए था लेकिन आपाधापी और भगदड़ में खुद को बचाने में लाठी-डंडे उसके सिर पर लग गए। जिसके चलते उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने कानून को लेकर भी सवाल खड़े किए। कहा कि इंसान की जान की कोई कीमत नहीं है, अगर तेंदुए के हमले में दो-तीन लोग मर जाते तो उनकी का जिम्मेदार फिर किसे ठहराया जाता, हमें इसका भी जवाब दिया जाना चाहिए। दूसरी तरफ तेंदुए के खौफ के बीच ग्रामीणों ने महिलाओं और बच्चों को खेतों की ओर भेजने पर पाबंदी लगा दी है रविवार को शाम ढलते ही गांव की सड़कों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दिया।

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