Krishna s Childhood Leelas Insights from Vishnu Puran Katha in Mehnagar आनंद के मूर्तिमान स्वरूप का नाम है कृष्ण : आचार्य ज्ञानचंद , Azamgarh Hindi News - Hindustan
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आनंद के मूर्तिमान स्वरूप का नाम है कृष्ण : आचार्य ज्ञानचंद

Azamgarh News - मेंहनगर में चल रही श्री विष्णु पुराण कथा के पांचवे दिन आचार्य ज्ञानचंद महराज ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि नंद बाबा ने पुत्र के जन्म पर आनंदित होकर अनेक संस्कार किए और...

Newswrap हिन्दुस्तान, आजमगढ़Fri, 11 April 2025 04:01 AM
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आनंद के मूर्तिमान स्वरूप का नाम है कृष्ण : आचार्य ज्ञानचंद

मेंहनगर, हिन्दुस्तान संवाद। मेंहनगर कस्बे में चल रही श्री विष्णु पुराण कथा के पांचवें दिन आचार्य ज्ञानचंद महराज ने भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि आनंद के मूर्तिमान स्वरूप का नाम कृष्ण है। उन्होंने कहा कि नंद बाबा ने पुत्र के उत्पन्न होने की बात सुनी, तो उनका मन करुणा से भर गया। सबसे पहले उन्होंने स्नान करके सुंदर वस्त्र आभूषण धारण किए। वैदिक विद्वानों को बुलाकर स्वस्तिवाचन पूर्वक 16 संस्कारों के अंतर्गत जातकर्म संस्कार संपादित किया। इसके बाद लाखों गायों का दान किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण लीला में सबसे पहले पूतना का उद्धार करते हैं। भगवान राम ने भी सबसे पहले ताड़का का उद्धार किया था। अंतर इतना है कि कृष्ण ने आंखें बंद करके पूतना का उद्धार किया, क्योंकि वह योगी हैं। वहीं, भगवान राम ने आंख खोलकर ताड़का का उद्धार किया, क्योंकि वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। आध्यात्मिक रूप से पूतना अविद्या (माया) है। शकटासुर जड़वाद, वकासुर दंभ,अघासुर पाप, कालियानाग भोगा शक्तिरूप विष है। यह सब बातें ध्यान देने योग्य हैं। भगवान की बाल लीला में जितनी सरलता से इन सब बातों को पिरोया गया है, वह सुनते ही बनती हैं। कुशल उपदेशक वही है जो गंभीर से गंभीर चिंतन को सरलतम रूप से जनसाधारण के जीवन में उतार दे।

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