गोशालाओं में विकसित होंगे गोपाल वन
Azamgarh News - आजमगढ़ में भीषण गर्मी से मवेशियों को बचाने के लिए गो आश्रय स्थलों पर गोपाल वन विकसित किया जाएगा। पशुपालन और वन विभाग मिलकर पौधरोपण करेंगे, जिसमें छायादार और चारा प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। जिले में...

आजमगढ़, संवाददाता। भीषण गर्मी में तप रहे मवेशियों को बचाने के लिए नई पहल शुरू की गई है। जनपद के सभी गो आश्रय अस्थलों में वन विभाग की ओर से गोपाल वन विकसित किए जाएंगे। इसके लिए पशुपालन विभाग और वन विभाग तैयारी में जुटे हैं। जिले में कुल 93 गोआश्रय स्थल हैं, जहां 13 हजार से अधिक मवेशियों को रखा गया है। गो आश्रय स्थल में पेड़-पौधे लगने से मवेशियों को गर्मी से राहत मिलेगी। बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या किसानों के लिए समस्या बनी हुई है। इसके साथ ही सड़कों पर घूमते छुट्टा पशुओं के चलते अक्सर दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
इन पशुओं को संरक्षित करने के लिए जिले में 93 गोआश्रय स्थल बनाए गए हैं। जिनमें चार वृहद गो आश्रय स्थल हैं, जहां बड़े पैमाने पर मवेशियों को रखा गया है। मवेशियों को सर्दी, गर्मी और बारिश से बचाने के लिए टीनशेड डाला गया। आधिकतर गो आश्रय स्थल पर पेड़-पौधे नहीं हैं। जिससे पशुओं को मौसम की मार झेलनी पड़ती है। पशुओं के लिए बने टीनशेड पर्याप्त नहीं है। सभी गोआश्रय स्थलो में क्षमता से अधिक मवेशी रखे गए हैं। जेठ की तपती धूप और गर्मी से मवेशी बेहाल हो जा रहे हैं। इसे देखते हुए गो आश्रय स्थलों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण की तैयारी की गई है। मवेशियों को मौसम की मार से बचाने के लिए वन विभाग गो आश्रय स्थलों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण करेगा। इसके लिए पशुपालन विभाग और वन विभाग की तरफ से संयुक्त रूप से तैयारी की जा रही है। गो आश्रय स्थल परिसर में छायादार पौधों के साथ ही चारा प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा। गोपाल वन में लगाए जाएंगे ये पौधे गोआश्रय स्थलों पर विकसित किए जाने वाले गोपाल वन में शीशम, सागौन, महुआ, पीपल, बरगद, पाकड़, जामुन, नीम, सहजन, आम अर्जुन आदि के छायादार पेड़ लगाए जाएंगे। पशुपालन विभाग के साथ ही वन विभाग पौधों की देखरेख करेगा। जिले की राजकीय नर्सरी में पौधों को तैयार किया जा रहा है। जनपद में हैं चार वृहद गो आश्रय स्थल जनपद में 93 गोशालाएं संचालित हो रही हैं। जिसमें चार वृहद और स्थायी गोशाला हैं। ये गोशालाएं बिलरियागंज के हिच्छनपट्टी, पल्हनी ब्लाक के मुजफ्फरपुर, सुरहन और मकरहा में हैं। जिसे कान्हा गोशाला नाम दिया गया है। जनपद में पांच और वृहद गोशालाओं का निर्माण कार्य चल रहा है। अन्य गोशालाएं अस्थायी हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पशु आश्रय स्थल की सूची वन विभाग को उपब्ध करा दी गई है। जनपद के गो आश्रय स्थलों में गोपाल वन विकसित किए जाएंगे। प्रत्येक गोशाला परिसर में छायादार और चारा प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके साथ ही नदी के किनारे त्रिवेणी वन लगाया जाएगा। जिसमें नीम, पीपल और पाकड़ के पेड़ लगाए जाएंगे। पौधों को लगाने के लिए गो आश्रय स्थाल चिह्नित किए जा रहे हैं। जीडी मिश्र, डीएफओ
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