इस सत्र में 1897 बच्चे निजी स्कूलों में करेंगे मुफ्त पढ़ाई
Azamgarh News - आजमगढ़ में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत इस बार 1897 बच्चों का नामांकन होगा। चार चरणों में ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे, जिसमें 3434 बच्चों ने आवेदन किया था। चयनित बच्चों को...

आजमगढ़, संवाददाता। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में इस बार नए सत्र में 1897 बच्चों का नामांकन होगा। चयनित बच्चों को सूची संबंधित बीईओ को भेजी जा चुकी है। नया सत्र शुरू होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इन बच्चों का नामांकन भी शुरू करा दिया गया है। पिछले सत्र के मुकाबले इस बार 48 बच्चों की संख्या कम हो गई है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए शासन की तरफ से चार चरणों में आनलाइन आवेदन लिए गए थे। चारों चरणों में कुल 3434 बच्चों ने आनलाइन आवेदन किया। इनमें से कुल 1897 बच्चों का चयन किया गया है। वहीं, संबंधित ब्लाकों से कुल 1396 आवेदन विभिन्न गड़बड़ियों के चलते निरस्त कर दिए गए थे। बाद में सीटें फुल होने पर चयनित बच्चों में से लाटरी के जरिए 141 बच्चों का आवेदन निरस्त कर दिया गया था। चयनित बच्चों का करीब ढाई सौ सीबीएसई और आईसीएससी स्कूलों में नामांकन होगा। एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होने के बाद प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तीन चरणों में चयनित बच्चों की सूची डीएम से सत्यापित कराकर सभी बीईओ को भेज दी गई है। चौथे चरण में चयनित बच्चों की सूची डीएम से सत्यापित होने के बाद सभी बीईओ को बीएसए कार्यालय से भेजी रही है।
चौथे चरण में 509 बच्चों का चयन
आजमगढ़। आरटीई के तहत गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में नामांकन के लिए एक दिसंबर से आनलाइन आवेदन शुरू हुआ था। 19 मार्च तक आनलाइन आवेदन लिए गए थे। इच्छुक बच्चों से चार चरणों में आनलाइन आवेदन लिए गए। चौथे चरण के लिए एक मार्च से 19 मार्च तक आवेदन लिए गए। नौ सौ बच्चों ने आनलाइन आवेदन किया था। आवेदन प्राप्त होने के बाद ब्लाक स्तर पर सत्यापन कराया गया। जिसमें सभी के आवेदन सही पाए गए थे। बाद में विभिन्न कारणों से चार सौ के करीब बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। शेष बच्चों की सूची डीएम से सत्यापन के बाद नामांकन के लिए स्कूलों में भेजी जा रही है।
कॉपी-किताब के लिए बच्चों को मिलते हैं पांच हजार रुपये
आजमगढ़। आरटीई के तहत गरीब बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ने के लिए शासन की तरफ प्रति बच्चों के अभिभावकों को पांच हजार रूपये बैंक खाते भेजी जाती है। बच्चों को कापी, किताब, स्टेशनरी आदि की खरीदारी के लिए ये धनराशि शासन से दी जाती है। वही 11 माह का साढे़ चार सौ रूपये की दर स्कूल के प्रधानाध्यापक के खाते में भेजती है।
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