Condemnation of Terror Attack on Tourists in Pahalgam Jammu and Kashmir पूर्व सैनिकों ने आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की, Bagpat Hindi News - Hindustan
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पूर्व सैनिकों ने आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की

Bagpat News - - भारत सरकार से कठोर कार्रवाई की मांगपूर्व सैनिकों ने आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा कीपूर्व सैनिकों ने आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निं

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतSat, 26 April 2025 02:00 AM
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पूर्व सैनिकों ने आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की

जिला भूतपूर्व सैनिक समिति बागपत ने पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे कायरता और मानवता के विरुद्ध बताया है। समिति ने कहा कि इस हमले में दो दर्जन से अधिक निर्दोष नागरिकों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

समिति के महासचिव एडवोकेट गजेंद्र सिंह द्वारा जारी मांग पत्र में कहा गया है कि यह हमला सिर्फ नागरिकों पर नहीं, बल्कि भारत की एकता, अखंडता और स्वाभिमान पर किया गया है। पूरे देश की जनता इस शोक की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। पूर्व सैनिकों ने रक्षा मंत्री भारत सरकार के नाम डीएम के माध्यम से एक मांग पत्र भेजकर सरकार से अपील की कि वह इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।समिति के संरक्षक विंग कमांडर पुष्पेंद्र बका और अध्यक्ष सूबेदार मेजर राजेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया कि देश को आवश्यकता पड़ी, तो पूर्व सैनिकों का यह संगठन राष्ट्र की सेवा में हर समय समर्पित रहेगा। समिति ने एकजुट होकर देश की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

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कश्मीर हमले की जांच को लेकर आजाद अधिकार सेना ने सौंपा ज्ञापन

आजाद अधिकार सेना के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष सतीश चंद के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम के माध्यम से भेजा। सेना ने कश्मीर में हुए निर्मम आतंकी हमले को लेकर गहरी शोक संवेदना जताई और घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

ज्ञापन में कहा गया है कि इस भीषण हमले से पहले कई स्तरों पर मूवमेंट हुए होंगे, जिससे सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। सेना ने मांग की कि एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर जम्मू-कश्मीर और भारत सरकार की एजेंसियों की भूमिका की गहन जांच कराई जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक न तो भारत सरकार और न ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई हुई है। उन्होंने दोषी अधिकारियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई किए जाने की मांग की। इस दौरान दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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