हर माह काउंसिलिंग को पहुंच रहे 40 से 50 मामले
Bagpat News - - छोटी-छोटी बातों को लेकर बिखर रहे परिवारहर माह काउंसिलिंग को पहुंच रहे 40 से 50 मामलेहर माह काउंसिलिंग को पहुंच रहे 40 से 50 मामलेहर माह काउंसिलि

यह कड़वा सच है कि परिवार जितने छोटे होते जा रहे हैं, उतने ही परिवार टूटते भी जा रहे हैं। छोटी-छोटी बातों को इतना बड़ा किया जा रहा है कि पति-पत्नी के रिश्ते टूट रहे हैं। रोजाना पुलिस थानों से लेकर परामर्श केंद्रों तक पर ऐसे परिवारों की शिकायतें पहुंच रही है। पुलिस अधिकारियों की मानें, तो 40 से 50 मामले प्रतिमाह परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच रहे है। कई मामलों में परिवार परामर्श केंद्र ने दंपति को फिर से एक कराया है। परिवार परामर्श केंद्र में हर साल काफी संख्या में पति-पत्नी की शिकायतें पहुंचती है। शिकायतें आने पर दोनों पक्ष की काउंसिलिंग कराई जाती है।
काउंसलिंग के दौरान ज्यादातर मामलों में दंपति के आपस विश्वास की कमी सामने आई है। काउंसिलिंग के दौरान आरोप लगते हैं कि पत्नी किसी और से बात करती है, तो कहीं पर पति आरोप लगाते है कि उनकी पत्नी किसी और से बात करती है। इसी गलतफहमी में बात काफी आगे तक बढ़ जाती है और रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंच जाता है। कुछ मामलों में सास-बहू के झगड़े के चलते भी रिश्ते टूटने के कगार पर आ जाते हैं। यह मामले थाने से होते हुए परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंच जाते हैं। केन्द्र में काउंसिलिंग कराने के बाद दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर दोनों को साथ भेज दिया जाता है। -------- कई बार तो लड़के देते हैं प्रार्थनापत्र, बच जाएं परिवार कभी भी सास-बहू के लड़ाई के चक्कर में मामले में परिवार परामर्श केन्द्र तक पहुंच जाते हैं। इन दोनों की लड़ाई के चक्कर में बेटा फंस जाता है। परिवार परामर्श केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार कभी-कभी लड़के भी परिवार न टूटे, पत्नी को वापस घर लाने के लिए प्रार्थना पत्र देते हैं, जिसे पर जांच के बाद दोनों पक्षों को बुलाया जाता है। परामर्श केंद्र पर इस तरह के चार माह के भीतर 20 से अधिक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए है। ------- कोट- हाल में कई मामलों में काउसंलिंग हुई है, जिसमें पति-पत्नी में आपस में विश्वास कम हुआ। ज्यादातर मामले में पति-पत्नी एक-दूसरे पर शक करते हैं और अंत में शिकायत के रूप में यह मामले परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंच जाते हैं। परिवार परामर्श केंद्र ने कई परिवारों को टूटने से बचाया है। सही से समझाने पर दंपति फिर से एक साथ रहने को राजी हो जाते है। हरीश भदौरिया, सीओ बागपत
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