यूपी के इस जिले में मशहूर हैं मोहम्मद अली, मंदिर में सेवा के साथ करते हैं खुदा को सजदा
- यूपी के इस जिले में एक शख्स हैं जिनका दोनों धर्मों के लोग सम्मान करते हैं। पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार करवा कर भव्य बनवाया। मंदिर की सेवा भी लगातार कर रहे हैं। साथ ही पांच समय की नमाज भी अदा करते हैं

जिले की महसी तहसील के घूरेहरी पुर में घूर देवी मंदिर है,जहां श्रद्धा और विश्वास के आगे मजहबी दीवारें कोई मायने नहीं रखती हैं। 18 वर्षों से निरंतर जैतापुर के मोहम्मद अली इस मंदिर के प्रबंधक हैं। मुस्लिम शख्स के मन में देवी मां की सच्ची सेवा व अटूट श्रद्धा कौमी एकता का संदेश देती है। नवरात्रि आते ही मंदिर में भीड़ लगने लगती है। मोहम्मद अली ही व्यवस्था की देखरेख साफ सफाई खुद करते हैं।
जैतापुर के मोहम्मद अली हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल बने हैं। इनके दिल में हर मजहब के लिए सम्मान है। जितनी शिद्दत से पांच वक्त नमाज पढ़ते हैं उतनी ही आस्था से सुबह शाम मंदिर में पूजन व देख रेख करते हैं। देवी मां के प्रति आस्था के चलते वह जैतापुर के घूरदेवी गांव में घूरदेवी मंदिर का निर्माण करवा चुके हैं। अब हनुमानगढ़ी की तर्ज पर हनुमान मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। मुहम्मद अली का जन्म बौंडी के जैतापुर में मुस्लिम परिवार में हुआ। उनकी माता बतूल बेगम और पिता अब्दुल कादिर ने उन्हें इस्लाम की शिक्षा दी। मुहम्मद अली बताते हैं कि जब वे पांच वर्ष के थे तो उनकी आंख में दिक्कतें आ गई थीं। लोगों के कहने पर उनकी मां घूरदेवी मंदिर में लेकर गई और उनकी आंख ठीक हो गई। बस यहीं से उनकी आस्था देवी मां के प्रति बढ़ने लगी। दृढ़ संकल्प से उन्होंने घूरदेवी में एक भव्य मंदिर निर्माण चंदा एकत्र कर कराया। मां घूरदेवी की मंदिर बनवाने के बाद मोहम्मद अली ने हनुमान मंदिर बनवाने का संकल्प किया। अब मोहम्मद अली घूरदेवी मंदिर के इसी परिसर में हनुमानगढ़ी की तर्ज पर भव्य हनुमान मंदिर बनवा रहे हैं।
मंदिर निर्माण के लिए चंदा खुद जुटा रहे
मोहम्मद अली ने मंदिर निर्माण के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए गांव से लेकर शहरों की खाक छानी। गांवों से गेहूं, चावल जैसे अनाज इकट्ठा किया तो शहरों से चंदा इकट्ठा किया। तीन वर्षों की मेहनत के बाद 14 लाख 95 हजार रुपए जुटाए। इन्हीं रुपयों से मोहम्मद अली घूरदेवी गांव स्थित घूरदेवी मंदिर प्रांगण में भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण शुरू करवाया है।
आस्था का केन्द्र, नवरात्र पर सभी धर्मों के लोग आते हैं
बौंडी थाना क्षेत्र का पौराणिक घूरदेवी मंदिर आस्था का केंद्र है। नवरात्र के अवसर पर दूर-दराज से श्रद्धालु अपनी मन्नते लेकर दरबार में आते हैं और दर्शन पूजन कर मां घूरदेवी की कृपा हासिल करते हैं । देवी मां के नाम पर इस स्थान को घूरदेवी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां देवी घूर(गोबर की खाद) के बीच प्रकट हुई थी इसीलिए उन्हें घूरदेवी के नाम से जाना जाता है। मंदिर करीब 400 साल पूर्व सीतापुर जिले के मल्लापुर के राजघराने में स्थित था। मंदिर में नित्य पूजा अर्चन प्रतिदिन बहराइच निवासी गहरु बाबा पैदल चलकर व नदी पार कर किया करते थे। साल के प्रत्येक माह की सभी पुण्यतिथियों पर यहां मेले जैसा माहौल रहता है। सभी संप्रदाय के लोग यहां अपनी मन्नते लेकर आते हैं व माता रानी उनके मन्नतों को पूरा करती है।
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