बड़ा मंगल: यूपी में इस जिले के हनुमान मंदिर में नेपाल से उमड़े श्रद्धालु
यूपी के इस जिले में बड़े मंगल पर नेपाल से भी श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। वजह इस मन्दिर का एक खास स्थान पर होना है

बलरामपुर के रानी तालाब पर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर स्थित है। ज्येष्ठ मास में बड़े मंगल पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इस बार ज्येष्ठ के पांचवें मंगलवार पर आसपास के जिलों के अलावा नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुआ आ रहे हैं।
देखने में तो यह मंदिर केवल लगभग 100 वर्ग गज भूमि पर बना है, लेकिन वीर हनुमान की अपार कृपा के कारण यहां मंदिर परिसर में रोजाना भक्तजनों का जमावड़ा लगा रहता है। बड़ा मंगल पर मंदिर का महात्म्य और बढ़ जाता है। मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा, आस्था और विश्वास की त्रिवेणी की बात करें तो यहां न केवल आसपास के श्रद्धालु ही पूजा-अर्चना करने और मुराद मांगने आते हैं बल्कि दूसरे जनपदों से भी लोग मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं। छोटी काशी के नाम से विख्यात बलरामपुर का अतीत बड़ा वैभवशाली रहा है। यह प्राचीन शहर अपने आंचल में स्वर्णिम अतीत समेटे हुए है। यहां पर राज परिवार का नीलबाग महल, राजा की ड्योढ़ी सिटी पैलेस, छोटे-बड़े शिवालय प्राचीन भव्यता एवं स्वर्णिम इतिहास के साक्षी हैं। रानी तालाब स्थित हनुमान मंदिर का इतिहास लगभग 150 वर्ष पुराना है। मंदिर की स्थापना स्थानीय निवासी शंभू नाथ ने की थी।
इस विशेष कारण से सिद्ध माना गया है मन्दिर
मंदिर की विशेषता यह है कि इसके पूरब में कब्रिस्तान व पश्चिम में सरोवर है। दोनों के बीच में पीपल के वृक्ष के नीचे हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है। माना जाता है कि पीपल वृक्ष के नीचे यदि मूर्ति और अगल-बगल सरोवर और श्मशान हो तो हनुमान जी के मंदिर सिद्ध माने जाते हैं। मूर्ति स्थापना के बाद जब यहां मुराद लेकर पहुंचने वाले भक्तों की अर्जी भगवान सुनने लगे, तो धीरे-धीरे मान्यता बढ़ने लगी। मनौतियां पूर्ण होने पर स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से मंदिर का सौन्दर्यीकरण कराया। आज श्मशान के बगल पीपल के नीचे मूर्ति वाले स्थान पर एक सुंदर मंदिर विराजमान है। मंदिर की रखवाली पंडित रामदुलारे व उनके परिवार के लोग दशकों से करते आ रहे हैं।
बजरंगी पार लगाते हैं भक्तों की नैया
मंदिर के पुजारी राम दुलारे बताते हैं कि इस मंदिर में प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। पूर्वजों से मंदिर में हुए कई चमत्कारों के किस्से सुने हैं। यहां हनुमान जी के मंदिर के ठीक सामने शिवलिंग स्थापित है। शिवलिंग के पीछे पेड़ की ओट में शनि देव की मूर्ति स्थापित है। हनुमान जी को बेसन का लड्डू प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। इसके अलावा सिंदूर भी चढ़ाया जाता है। बताते हैं कि लगातार पांच मंगलवार लड्डू प्रसाद और सिंदूर आदि को भक्तिभाव से ओत-प्रोत होकर हनुमान की मूर्ति पर चढ़ाकर जो मन्नत मांगता है, तो बाबा उसे खाली हाथ नहीं जाने देते। उसकी नैया बजरंगी अवश्य पार लगाते हैं। इसलिए हर मंगलवार रानी तालाब स्थित हनुमान मंदिर में दूर-दूर से भक्तजन आकर प्रसाद और ध्वजा चढ़ाते हैं। इस प्राचीन मंदिर में गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थनगर समेत पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी भक्तजन मन्नत मांगने आते हैं। मंदिर में मंगलवार को भजन-कीर्तन और सुंदरकांड का पाठ होता है। सबसे मनोहारी दृश्य तो हनुमान जयंती और बड़ा मंगल पर देखने को मिलता है।
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