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बोले बलरामपुर-जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर से उठ रही दुर्गंध, कस्बावासी परेशान

Balrampur News - समस्या महराजगंज, संवाददाता। कूड़ा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था न होने से महराजगंज तराई कस्बा में

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरWed, 18 June 2025 05:32 PM
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बोले बलरामपुर-जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर से उठ रही दुर्गंध, कस्बावासी परेशान

समस्या महराजगंज, संवाददाता। कूड़ा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था न होने से महराजगंज तराई कस्बा में गंदगी की भरमार है। कस्बा में सड़क किनारे व गलियों में कूड़े का ढेर लगा रहता है। लोग कस्बा में व्याप्त गंदगी को लेकर आबादी के अनुपात में सफाई कर्मियों का न होने को कारण बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि कस्बा में गंदगी इतनी रहती है कि कभी भी संक्रामक बीमारियां पांव पसार सकती हैं। चारों ओर फैले कूड़े से परेशान हो चुके हैं। कस्बावासी कहते हैं कि सफाई कर्मी कभी भी साफ-सफाई करने नहीं आता। जिसके चलते फैली गंदगी से उठने वाली दुर्गंध से संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

क्षेत्र में सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराने को लेकर कई बार जिम्मेदारों को बताया गया लेकिन समस्या का निदान अब तक नहीं हो सका। महराजगंज तराई कस्बा का बाजार का दायरा काफी बढ़ गया है। यहां बैंक, अस्पताल, थाना व इंटर कॉलेज सहित शापिंग काम्प्लेक्स भी खुल रहे हैं। सुविधाएं बढ़ने के साथ महराजगंज तराई कस्बा में बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है। कूड़ा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था न होने से कस्बा सहित प्रमुख मार्गों पर कूड़े का ढेर लगा रहता है। महराजगंज कस्बा के मुख्य मार्गों पर लोग घरों से निकला कूड़ा फेंक रहे हैं। लोग बताते हैं कि वर्षाकाल में कूड़े सड़ जाते है और दुर्गंध के कारण राह चलना मुश्किल हो जाता है। निराश्रित मवेशी खाने पीने की चीजों को तलाशने के लिए कूड़े के ढेर में मुंह मारकर उसे फैला देते हैं। तेज हवा चलने पर ढेर से निकले धूल लोगों के घरों व दुकानों भर जाते हैं। घरों से निकलने वाला कूड़ा सड़क पटरियों पर फेंक देते हैं। दिन भर काम करने के बावजूद कूड़ों का निस्तारण करना मुश्किल हो जाता है। बाजार में चारों ओर कूड़ा फैला रहता है। पूरे कस्बे में नाली का निर्माण नहीं है। लोगों ने अपने घरों में सेफ्टी टैंक बनवा रखा है। वर्षाकाल में जिनके मकान सड़क लेबल से नीचे हैं उनके घरों में पानी भर जाता है। कई-कई दिनों तक घर में गंदा पानी भरा होने के चलते लोगों का जीना मुहाल हो जाता है। जल निकासी की सुविधा न होने से लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। वहीं कस्बे में अब जो भी नए मकान बन रहे हैं, सब सड़क लेबल से ऊंचे बनाए जा रहे हैं। कूड़ा निस्तारण का नहीं है समुचित इंतजाम महराजगंज तराई में कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। बाजार में अधिकांश परिवारों के लोग घरों से निकला कूड़ा निर्धारित स्थानों पर फेंकते हैं, जहां धीरे-धीरे कूड़े का ढेर लगता जा रहा है। कस्बा के मुख्य मार्गों के बगल भारी मात्रा में कूड़े फैले हैं। कुछ दिन पूर्व कूड़े के ढेर में आग लग गई थी, जिसके धुंए से लोगों को परेशान होना पड़ा था। आग बुझाने में तीन दिन का समय लगा था। गर्मी के दिनों में आग लगने का खतरा और बढ़ जाता है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में फैले कूड़े से आग लगने पर बड़ा हादसा हो सकता है। बाजार में आवश्यकतानुसार सफाई कर्मियों की टीम तैनात होनी चाहिए। यह भी कहना है कि यदि सफाई कर्मी नहीं तैनात किए जा सकते तो माह में कम से कम दो बार सफाई अभियान चलाकर व्यवस्था बदली जानी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि कूड़े के ढेर से दुर्गंध उठती है। कभी भी संक्रामक बीमारी पांव पसार सकती है। कूड़े के ढेर से होकर गुजरते हैं छात्र कस्बा स्थित विद्यालयों के छात्रों को कूड़े के ढेर से होकर गुजरना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने समस्या को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। स्कूल व कॉलेज जाते समय कई बार सड़क पर फैले कचरे से बच्चों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बरसात के दिनों में छात्रों का स्कूल जाना बेहद मुश्किल भरा रहता है। छोटे बच्चे कचरे में फिसलकर गिर जाते हैं, जिससे उनकी यूनीफार्म व बैग भीगकर खराब हो जाते हैं। स्थानीय लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों से कस्बे में सफाई कर्मियों की तैनाती कराने की आवाज उठाई है। पांच सफाई कर्मियों की हो तैनाती तो बने बात बाजार में दिनभर भीड़ लगी रहती है। गलियों में निरश्रित मवेशी गोबर कर देते हैं, जिसके कारण पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि बाजार में सफाई कर्मी की तैनाती आवश्यक है। कम से कम पांच सफाई कर्मियों की तैनाती होने पर ही यहां की सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जा सकती है। लोग घरों का कूड़ा सड़क पटरियों पर फेंकते हैं, जिससे बाजार में काफी गंदगी फैली हुई है। चारों तरफ प्लास्टिक की थैलियां बिखरी हैं। छुट्टा जानवर बाजार में कूड़ों के ढेर को फैला देते हैं। यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है, लेकिन अभी तक किसी ने इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि कूड़ों के सड़ने पर संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कस्बे में त्वचा सम्बन्धी बीमारियां अक्सर देखने को मिलती है। दुकानदार सफाई कर्मियों के तैनाती की मांग को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे। उनका कहना है कि कस्बे में गंदगी इस कदर फैली है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है। तेज हवा चलने पर घरों व दुकानों में कूड़ा भर जाता है। बाजार आने वाले लोगों को सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। दुर्गंध के चलते लोग मुंह पर रुमाल रखकर चलने को मजबूर रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कस्बे में सफाई कर्मियों की तैनाती हो जाए तो समस्या से निजात मिल सकती है।

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