एक चिकित्सक के सहारे हो रहा पांच लाख लोगों का इलाज
Balrampur News - हर्रैया सतघरवा के ब्लाक मुख्यालय शिवपुरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों की भारी कमी है। यहां केवल एक चिकित्सक हैं, जो अधीक्षक का भी काम कर रहे हैं। प्रतिदिन 250 से 300 मरीज आते हैं,...

ललिया, संवाददाता। हर्रैया सतघरवा के ब्लाक मुख्यालय शिवपुरा में चल रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों की भारी कमी है। यहां सिर्फ एक चिकित्सक की तैनाती है जिनके पास अधीक्षक का भी प्रभार है। तराई क्षेत्र की पांच लाख से अधिक आबादी के इलाज का भार इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर है। इस सीएचसी पर प्रतिदिन 250 से 300 तक मरीज ओपीडी में आते हैं। चिकित्सकों के न होने के कारण क्षेत्रवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें बेवजह मुख्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ती है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि तराई क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण अस्पताल में तत्काल प्रभाव से चिकित्सकों की तैनाती करानी चाहिए, जिससे लोगों को लाभ मिल सके।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शिवपुरा जिले के तराई क्षेत्र में स्थित है। तराई की आबादी पांच लाख से अधिक है। इसी स्वास्थ्य केन्द्र पर क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है। यूं तो एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सात विशेषज्ञ चिकित्सकों के तैनाती का मानक है। मानक के अनुरूप सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बालरोग, हड्डीरोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, दंत रोग, फिजीशियन व नेत्र विशेषज्ञ की तैनाती होनी चाहिए। दुर्भाग्य की बात है कि इस महत्वपूर्ण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ एक मेडिकल अफसर डॉ. प्रणव पाण्डेय की ही तैनाती है। डॉ. प्रणव के पास सीएचसी अधीक्षक का भी प्रभार है। आए दिन उन्हें बैठक आदि में भाग लेने के लिए मुख्यालय आना पड़ता है। अन्य विभागीय योजनाओं को भी सम्पादित करना उनकी जिम्मेदारी है। ऐसे में स्वास्थ्य केन्द्र पर उनकी गैर मौजूदगी में मरीजों के सामने संकट खड़ा हो जाता है। यहां संविदा पर डॉ. विशाल की तैनाती हुई थी, लेकिन करीब डेढ़ माह पूर्व वह नौकरी छोड़कर चले गए। इसी तरह से यहां तैनात एक अन्य चिकित्सक डॉ. रजत शुक्ल को हर्रैया सतघरवा में बनी नवीन सीएचसी का प्रभार दे दिया गया है। अब स्थिति यह है कि तराई क्षेत्र में स्थित सीएचसी शिवपुरा व हर्रैया दोनों में चिकित्सकों का अकाल हो गया है। ऐसे में तराई क्षेत्र के लोगों के सामने इलाज कराने को लेकर संकट पैदा हो गया है। लोगों को इलाज के लिए लम्बी दूरी तय कर जिला मुख्यालय आना पड़ता है। इस दौरान समय और पैसा लोगों का बर्बाद होता है। यही नहीं सीएचसी शिवपुरा में तैनात रहे चीफ फार्मासिस्ट ईश्वरी प्रसाद उपाध्याय गत 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में जो थोड़ी बहुत मरीजों की मदद होती थी, वह भी खत्म हो गई है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि उन्हें नि:शुल्क चिकित्सीय सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर तराई क्षेत्र की इस सीएचसी में चिकित्सकों की तैनाती करानी चाहिए, जिससे लोगों को सहूलियत मिल सके।
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