Villagers Forced to Drink Contaminated Water Due to Delayed Pipeline Project in Balrampur नहीं लगा हर घर नल, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल, Balrampur Hindi News - Hindustan
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नहीं लगा हर घर नल, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल

Balrampur News - बलरामपुर में हर घर नल हर घर जल परियोजना की धीमी प्रगति के कारण ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। अधिकांश सड़कें पाइपलाइन बिछाने के नाम पर तोड़ी गई हैं और अभी तक दुरुस्त नहीं हुई हैं। गुर्दा और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरWed, 18 June 2025 05:36 PM
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नहीं लगा हर घर नल, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल

विडंबना पाइप लाइन बिछाने के नाम पर गांव में दुरुस्त नहीं की जा सकीं तोड़ी गई अधिकांश सड़कें छोटे हैंडपंप का दूषित पानी पीने को विवश हैं ग्रामीण, तराई क्षेत्र में गुर्दा व लीवर रोगियों की बढ़ रही संख्या बलरामपुर, संवाददाता। हर घर नल हर घर जल परियोजना की रफ्तार सुस्त है। मार्च 2025 में परियोजना पूरी होनी थी, लेकिन अभी तक 629 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष लगभग 300 ग्राम पंचायतों में ही परियोजना पूरी हो सकी है। ग्रामीणों के शुद्ध पेयजल का सपना अधूरा है। पाइप लाइन बिछाने के नाम पर गांव में तोड़ी गई अधिकांश सड़के अभी तक दुरुस्त नहीं की जा सकीं।

ग्रामीण छोटे हैंडपंप का दूषित पानी पीने को विवश हैं। तराई क्षेत्र में गुर्दा व लीवर रोगियों की संख्या बढ़ रही है। परियोजना के अधिशासी अभियंता का कहना है कि बजट की कमी निर्माण में आड़े आ रही है। बजट मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल हर घर जल परियोजना संचालित है। 890 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 629 में परियोजना के तहत पेयजलापूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करनी है। परियोजना के तहत पाइप लाइन बिछाकर हर घर को जल उपलब्ध कराना है। बजट का निर्धारण आवादी के हिसाब से किया गया है। बताया जाता है कि अभी तक लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। 629 के सापेक्ष लगभग 300 ग्राम पंचायतों में परियोजना पूरी हो चुकी है। जिन पंचायतों में परियोजना पूरी हुई है वहां भी शुद्ध पेयजल का समुचित लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। महराजगंज तराई निवासी विनोद, सतीश, मुन्ना, बड़कऊ आदि ने बताया कि कस्बे का पानी अत्यंत प्रदूषित है। पानी टंकी बनकर खड़ी है, लेकिन जलापूर्ति नहीं शुरू हो सकी। दो साल के बीच आधा दर्जन लोगों की मौत गुर्दे की खराबी से हुई है। ऐसा सिर्फ पानी के खराबी के कारण ही हुआ है। अधिकांश गांवों में काम का शुभारंभ तो हुआ, लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका। कुछ गांवों में हैंडपंप से पीले रंग का पानी निकलता है, जिसे पीना ग्रामीणों की मजबूरी बन गई है। कोट अक्टूबर माह के बाद कार्यदायी संस्था को कोई पैसा नहीं मिला है। बजट के अभाव में परियोजना लम्बित है। बजट प्राप्त होते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। संदीप सिंह, अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण

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