भारत से वफादारी हमारी मजहबी जिम्मेदारी, पाकिस्तान दुश्मन देश; बनाएं दूरियां : बरेली उलेमा
सुन्नी बरेलवी मुसमानों का मजहबी मरकज दरगाह आला हजरत ने कौम के नाम संदेश जारी किया है। दरगाह आला हजरत प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां और वरिष्ठ मुफ्ती सलीम नूरी ने संयुक्त बयान जारी किया है।

सुन्नी बरेलवी मुसमानों का मजहबी मरकज दरगाह आला हजरत ने कौम के नाम संदेश जारी किया है। दरगाह आला हजरत प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां और वरिष्ठ मुफ्ती सलीम नूरी ने संयुक्त बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि भारत के मुसलमान सावधान रहें। पाकिस्तान से संबंधित कोई भी सोशल मीडिया सामग्री और पोस्ट को शेयर ना करें। उनका कहना है कि आपने मुल्क से मुहब्बत व वफादारी हमारी मजहबी व संवैधानिक जिम्मेदारारी है।
दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि मरकजे अहल-ए-सुन्नत दरगाह आला हजरत स्थित जामिआ रजविया मंजरे इस्लाम के उलमा और मुफ्ती ए इकराम की एक बैठक हुई। मदरसा मंजरे इस्लाम के उलेमा ने बैठक के बाद अपने संयुक्त बयान में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां का पैगाम को जारी करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से भारत व पाकिस्तान के बीच जंग के हालात हैं।
पाकिस्तान दुश्मन देश, न करें कोई पोस्ट
उलेमा ने कहा कि मौजूदा समय में जंग के हालात बने हैं जो आम हालात से भिन्न होते हैं। जंग के माहौल में बहुत कुछ बदल जाता है। जिस मुल्क के आप नागरिक हैं। अगर उस मुल्क पर किसी दूसरे देश ने हमला किया है या उस से जंग के हालात बन जाएं तो इन तमाम हालात में वह दुश्मन देश की श्रेणी में आता है। ऐसे समय में उस दुश्मन देश की हिमायत करना उस की तारीफ करना उसकी बातों और उस के पैगाम का आदान प्रदान करना या एक दूसरे को भेजना यह सब जंगी जुर्म के दायरे में आता है। जिससे संबंधित कानून की बहुत सी संगीन धाराएं हैं।
जिनके तहत ऐसे शख्स के खिलाफ मुकदमे दर्ज होते हैं। ये लोग खुद तो कानूनी जाल में फंसते ही है साथ ही अपने परिवार वालों के लिए मुश्किल खड़ी करते है। इसलिए हमारी मुस्लिम नौजवानों से अपील है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल इस समय बहुत खतरनाक है। अपने आप को परेशानी में न डाले। इस वक्त सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से परहेज करें या फिर कोई चीज शेयर भी करें तो खूब अच्छी तरह देख लें कि उस में कोई गैर कानूनी बात तो नहीं है। देश के दुश्मन मुल्क की उस में हिमायत या तारीफ तो नहीं है।