वायरस जनित बीमारियों से बचाव को वैक्सीन अपनाना जरूरी : अलका देशपांडेय
- एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आयोजित वूमन फिजिशियंस आफ इंडिया की पहली कांफ्रेंस का रविवार को समापन हो गया। इस दो दिवसीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र के साथ 4 साइंटिफिक सत्र हुए।

वायरसजनित बीमारियों से बचाव के लिए हमें संतुलित जीवनशैली के साथ ही इससे संबंधित वैक्सीन को अपनाना चाहिए। लेकिन अभी भी वैक्सीन को लेकर ज्यादातर लोग जागरूक नहीं हैं यह बात पद्म श्री हासिल करने वाली पहली महिला फिजिशियन डा. अलका देशपांडेय वूमन फिजिशियंस आफ इंडिया की कॉन्फ्रेंस में वायरस जनित बीमारियों पर दिये व्याख्यान में कही।
एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आयोजित वूमन फिजिशियंस आफ इंडिया की पहली कांफ्रेंस का रविवार को समापन हो गया। इस दो दिवसीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र के साथ 4 साइंटिफिक सत्र हुए। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डा. अलका देशपांडेय, एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल एयरमार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला, डा.निर्मल यादव, आर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डा.प्रेरणा कपूर, साइंटिफिक चेयरपर्सन डा.आभा गुप्ता, डा.पदमश्री गुलाटी और डा.स्मिता गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित किया। उद्घाटन सत्र से पहले डा. अलका देशपांडेय ने अपने व्याख्यान में वायरस जैसे सूक्ष्मजीवियों पर विस्तार से चर्चा की। कांफ्रेंस के दूसरे दिन का साइंटिफिक सेशन डा. वेणु जामवाल (जम्मू) के यूटीआई रिस्क फैक्टर्स और मैनेजमेंट पर दिए व्याख्यान से आरंभ हुआ। डा.रेनू सैगल (जयपुर) ने लूपस नेफ्रिटिस पर व्याख्यान दिया। इस सेशन का संचालन डा.अनामिका सावंत (मुंबई) ने किया।
प्रेग्नेंसी संबंधी डिसआर्डर पर हुए व्याख्यान
अगले सत्र में प्रेग्नेंसी संबंधी डिसआर्डर पर व्याख्यान हुए। जिसमें डा.श्रुति शर्मा (बरेली) ने प्रेग्नेंसी के दौरान थाइराइड डिसआर्डर की जानकारी के साथ इसके उपचार पर व्याख्यान दिया। डा.रुचि गुप्ता (जयपुर) ने महिलाओं में दिल की बीमारी और इसके अंतर को बताया और डा.मनीषा द्विवेदी (प्रयागराज) ने प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर डिसआर्डर पर अपना व्याख्यान दिया। डा.शशिबाला आर्य ने पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर पर व्याख्यान दिया। डा.जलिस फातिमा (लखनऊ) ने फाइब्रोमायल्जिया पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि व्यापक दर्द, थकावट और मानसिक समस्याओं से जुड़ी यह दीर्घकालिक स्थिति है। समग्र प्रबंधन और जीवन शैली में सुधार कर इससे निजात पाई जा सकती है। डा.रितु करोली (लखनऊ) ने हाइपोड्रेनेलिज्म पर, डा.अनुभा श्रीवास्तव (प्रयागराज) ने महिलाओं में मोनोपाज के बाद होने वाले वासोमोटर सिम्टम्स की जानकारी दी।
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