सीढ़ी ढोने वालों को कारीगर बता करा दी एफआईआर
Basti News - मनमानी सीढ़ी ढोने वालों को कारीगर करा दी एफआईआर सीढ़ी ढोने वालों को कारीगर करा दी एफआईआर

बस्ती, हिटी। करंट की चपेट में आकर दो सगे भाइयों की हुई मौत के मामले में अपनी गर्दन बचाने के लिए बिजली विभाग के अधिकारी सीढ़ी ढोने की ड्यूटी करने वाले संविदा कर्मियों को बलि का बकरा बना रहे हैं। नगर थानाक्षेत्र के खुटहन गांव में 10 जून को 11 केवी लाइन की चपेट में आने से यह हादसा हुआ है। विद्युत उपकेंद्र नगर बाजार के अवर अभियंता व एसडीओ की तहरीर पर उपकेंद्र पर काम करने वाले तीन अकुशल संविदा कर्मियों विक्रम, अजीज व अजीम के खिलाफ गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद संविदा कर्मियों ने आला अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर न्याय की मांग की है।
एसडीओ वागीश गुप्ता का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। खुटहन गांव में 11 केवी लाइन सड़क पर काफी नीचे झूल रही थी। यही नहीं इसे एक पेड़ की कटी हुई डाल से बांध कर आगे ले जाया गया था। लाइन मानक से काफी नीचे होने के कारण सीढ़ी लेकर जा रहे खुटहन गांव के दो सगे भाई लाइन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। इस मामले को लेकर जब अधिकारियों पर राजनैतिक दबाव पड़ना शुरू हुआ तो आनन फानन में जेई ने यह लिखकर दे दिया कि संविदा कर्मियों को लाइन को ठीक करने के लिए निर्देशित किया गया था, उनकी लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। एसडीओ ने भी जेई के इस पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया। इसी पत्र के आधार पर पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। अकुशल कर्मियों से लिया जाता है लाइनमैन का काम मौजूदा प्रकरण ने बिजली विभाग में चल रहे खेल का पोल खोल दिया है। जेई की ओर से तैयार किए गए आरोप पत्र से यह साबित होता है कि इन अकुशल कर्मियों से लाइन की मरम्मत का काम नियमित रूप से लिया जा रहा था। संविदा कर्मियों की सेवा शर्तो के खिलाफ लिए जा रहे काम में लगभग सभी उपकेंद्र के जेई शामिल हैं। पोल पर काम करने के दौरान यह अकुशल कर्मी अपनी जान तक गंवा बैठते हैं। इस बात की जानकारी आला अधिकारियों को होने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि नगर थाने में पांच फीडर है, जबकि तीन कुशल कर्मी तैनात हैं। ठेकेदार ने समय से पोल लगाया होता तो न होता हादसा हादसे वाली जगह पर टूटे पोल की जगह नया पोल लगाया जा रहा था। नया पोल लगाकर लाइन को मानक के अनुसार ऊंची किया जाना था। बताया जा रहा है कि लंबे समय से यह काम ठप पड़ा था। अधिकारी कार्यदायी संस्था पर दबाव डलवाकर काम नहीं ले सके। इस मामले में कार्यदायी संस्था की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। अधिकारी किसी तरह इस प्रकरण पर लीपा पोती करना चाह रहे हैं।
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