गोण्डा/लखीमपुर के ध्यानार्थ : हादसे में यूरिया पंप संचालक समेत दो की मौत, 30 मीटर घिसटे
Basti News - -गोंडा जनपद के इटियाथोक के रहने वाले थे पंप संचालक पृथ्वीराज -मृतकों में यूरिया ले

घघौवा/विक्रमजोत (बस्ती), हिन्दुस्तान टीम। हाईवे पर शनिवार देर रात हुए हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक गोंडा का यूरिया पंप संचालक और दूसरा लखीमपुर का ट्रेलर चालक था। वहीं ट्रेलर का खलासी घायल हो गया, जिसका मेडिकल कॉलेज अयोध्या में इलाज चल रहा है। हादसा बस्ती-अयोध्या फोरलेन पर छावनी थाने के शंकरपुर के पास उस समय हुआ, जब टेलर में तीनों यूरिया भर रहे थे। इसी दौरान दूसरे ट्रक ने ठोकर मार दी। अयोध्या-बस्ती लेन से ट्रेलर चालक राजू और खलासी दीपक कुमार यूरिया भराने के लिए दूसरी लेन पर आए। ट्रक हाईवे किनारे खड़ा कर पेटीडीलर पृथ्वीराज दीक्षित से यूरिया लेकर ट्रेलर में डाल रहे थे।
शनिवार रात करीब डेढ़ बजे अचानक अयोध्या की तरफ से आए एक तेज रफ्तार ट्रक ने तीनों को अपनी चपेट में ले लिया। जब तक तीनों संभल पाते, ट्रक उन्हें कुचलते हुए निकल गया। हादसे में मौके पर ही ट्रेलर चालक राजू उर्फ कूलेंट (35) पुत्र स्व. इंद्रपाल निवासी ग्राम बेहटा थाना पचगवा, जिला लखीमपुरखीरी और यूरिया पंप संचालक पृथ्वीराज दीक्षित (65) पुत्र स्वामीनाथ निवासी ग्राम परवांव कुलहा, थाना इटियाथोक, जनपद गोण्डा की मौत हो गई। दोनों के शव हाईवे पर करीब 30 मीटर दूरी तक घिसट गए और शरीर के हिस्से क्षत-विक्षत हो गए। इनके साथ खलासी दीपक पुत्र अरुण कुमार निवासी गौरांगी, थाना मोहम्मदी, जिला लखीमपुरखीरी को भी ठोकर लगी और वह काफी दूर जा गिरा। उसे गंभीर चोट लगी है। चौकी प्रभारी विक्रमजोत शशिशेखर ने स्थानीय लोगों की मदद से दीपक को मेडिकल कॉलेज दर्शननगर, अयोध्या भेजा। दोनों मृतकों के परिजनों को पुलिस ने हादसे की सूचना देते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रविवार सुबह तक दोनों के परिजन बस्ती पहुंच गए थे। पृथ्वीराज के नाती बृजेश दीक्षित ने अज्ञात वाहन के खिलाफ तहरीर दी है। प्राइवेट नौकरी छोड़कर यूरिया पंप चला रहे थे पृथ्वीराज दीक्षित यूरिया पंप संचालक पृथ्वीराज दीक्षित के परिवार में एक बेटा आनंद, बहू शिल्पी और पत्नी कलावती है। वे सभी गोंडा स्थित गांव में ही रहते हैं। पृथ्वीराज 10 साल पहले दिल्ली में एक निजी संस्थान की नौकरी छोड़कर संसारीपुर हर्रैया के एक ठेकेदार के साथ काम करने लगे थे। कुछ दिन पहले ठेकेदार ने वाहनों में भरी जाने वाली यूरिया बनाकर बेचने का काम शुरू किया तो पृथ्वीराज दीक्षित शंकरपुर गांव के सामने एक बंद ढाबे में यूरिया पंप का संचालन करने लगे। कम दाम में यूरिया मिलने की आस में ट्रक चालक राजू दो किलोमीटर आगे जाकर उल्टी दिशा में लौट आया और पृथ्वीराज के यहां यूरिया भराने लगा। 10 किमी में खुली हैं 30 से अधिक यूरिया पंप की दुकानें छावनी थानाक्षेत्र के हाईवे किनारे पिछले तीन सालों दो दर्जन से अधिक यूरिया भरने की छोटी छोटी दुकानें खुल गई हैं। घघौवा से लेकर केशवपुर, खतमसराय, भदोही पटकापुर तक विक्रमजोत के शंकरपुर कवलपुर, रमघटिया, जमौलिया पचवस से लेकर छावनी तक लगभग सभी होटल ढाबा और पंचर की दुकान के आसपास यूरिया पंप का बोर्ड लगा दिखाई देगा। जानकारों की मानें तो पारदर्शी सफेद फाइबर की पेटियों को हाईवे किनारे रख कर यूरिया का बोर्ड लगाकर इन दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इन दुकानों पर स्थानीय स्तर से गैरपंजीकृत फैक्ट्री में बनी यूरिया बिकती है। यह ब्रांडेड कम्पनियों की यूरिया से 30 से 40 रुपये सस्ती होती है। इनके सबसे ज्यादा ग्राहक ट्रांसपोर्ट में चलने वाले ट्रक और ट्रेलर हैं। पेटी डीलरों ने बताया कि कानपुर, लखनऊ और गुजरात के कम्पनी से यूरिया मंगाते हैं। वहीं तमाम पंप संचालक कोहराएं, केनौना, बड़हरकला तथा संसारीपुर में सस्ती वाहन यूरिया बनाने की फैक्ट्री से खरीदकर बेचते हैं।
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