सुभासपा में बड़ी बगावत, 200 से ज्यादा नेताओं ने पार्टी छोड़ी, ओपी राजभर ने उनको जाहिल बताया
ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा को बड़ा झटका लगा है। सुभासपा में बड़ी टूट हो गई है। 200 से ज्यादा नेताओं ने सुभासपा छोड़ दी है। राजभर की भी इस पर प्रतिक्रिया आ गई है। राजभर ने इस्तीफा देने वालों को जाहिल बताया है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर को बड़ा झटका लगा है। ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) में बड़ी बगावत हो गई है। ओपी राजभर पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए सभासपा के करीब 200 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इन नेताओं ने राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी भी ज्वाइन कर ली है। इतनी बड़ी बगावत पर ओपी राजभर का गुस्सा भी फूटा है। उन्होंने पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को जाहिल कह दिया है। राजभर ने पार्टी छोड़ने वालों पर ही उल्टा कई आरोप लगा दिए हैं।
बताया जाता है कि सुभासपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के तमाम बड़े पदाधिकारियों ने एक साथ इस्तीफा दिया है। यूपी के अलग अलग मंडलों में सुभासपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के 200 से ज्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वालों में से एक अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री जाफर नकवी ने ओपी राजभर पर पर मुस्लिम नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। कहा कि मुस्लिमों को टारगेट किया जा रहा है लेकिन राजभर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है। दावा किया कि लगातार मुस्लिमों को टारगेट करने के मामले को लेकर सुभासपा में बगावत हुई है।
नकवी ने कहा कि सहयोगी दल होने के बावजूद मजारों और मदरसों पर हो रही कार्यवाही पर चुप्पी साधे हुए हैं। मंत्री पद के लालच में राजभर मुसलमानों का हक छीन रहे हैं और सिर्फ अपनी जाति विशेष को बढ़ावा दे रहे हैं। एक पत्र में कहा गया कि ओम प्रकाश राजभर लगातार सहयोगी दल होने के बावजूद अल्पसंख्यक की आवाज वह दबा रहे हैं। पत्र में आरोप लगाया गया कि मजारों और मदरसों पर हो रही कार्यवाही पर भी ओम प्रकाश राजभर खामोश हैं। इन मामलों में भी राजभर मुसलमानों के खिलाफ बोल रहे हैं। पत्र में आरोप लगाया गया है कि मंत्री पद की लालच में ओम प्रकाश राजभर मुसलमानों का हक छीन रहे हैं।
क्या बोले राजभर
वहीं नेताओं के आरोप और पार्टी छोड़ने पर सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने कहा कि यह जाहिल लोग हैं। यह लोग अलग-अलग पार्टियों में ठेका-पट्टा और ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए घूमते हैं। जब घूम-घूमकर बात नहीं बनती है तो कोई न कोई चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह का काम करते हैं। राजभर ने कहा कि जैसे लोग दुख भगाने के लिए हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, उसी तरह अब लोग ओमप्रकाश चालीसा पढ़ रहे हैं।