PCS अफसर निहारिका सिंह को बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने खत्म किया गाजियाबाद शमशान हादसे का मुकदमा
- गाजियाबाद में हुए शमशान घाट हादसे में अभियुक्त बनाई गई पीसीएस अधिकारी व मुरादनगर नगर पालिका की तत्कालीन अधिशासी अधिकारी निहारिका सिंह चौहान को बड़ी राहत मिली है।

गाजियाबाद में हुए शमशान घाट हादसे में अभियुक्त बनाई गई पीसीएस अधिकारी व मुरादनगर नगर पालिका की तत्कालीन अधिशासी अधिकारी निहारिका सिंह चौहान को बड़ी राहत मिली है। लखनऊ हाई कोर्ट ने निहारिका सिंह के विरुद्ध चल रहे आपराधिक मुकदमे को समाप्त कर दिया है। न्यायालय ने उनके विरुद्ध एसआईटी द्वारा दाखिल आरोप पत्र और इस पर निचली अदालत द्वारा पारित संज्ञान आदेश को खारिज कर दिया है। 3 जनवरी 2021 को हुए इस हादसे में शमशान घाट के एक नवनिर्मित निर्माण की छत गिरने से 24 लोगों की मृत्यु हुई थी जबकि 20 लोग घायल भी हुए थे।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने निहारिका सिंह चौहान की याचिका पर पारित किया। याची की ओर से दलील दी गई कि वह मात्र अधिशासी अधिकारी थी लिहाजा उसकी प्रशासकीय व वित्तीय जिम्मेदारी थी, वह किसी तकनीकी पद पर तैनात नहीं थी। कहा गया कि इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर एक्सईएन पीडब्ल्यूडी मनीष वर्मा, सहायक अभियंता वाईएस चौधरी व कनिष्ठ अभियंता डीके तवर की एक कमेटी बनाई गई थी, तकनीकी जानकारों की उक्त कमेटी ने ही नवनिर्मित निर्माण को संतोषजनक बताया था।
कहा गया कि हादसे के बाद एक तकनीकी जांच कमेटी बनाई गई जिसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सह-अभियुक्त ठेकेदार अजय त्यागी का बिल एक्सईएन मनीष वर्मा ने प्रमाणित किया था। न्यायालय के समक्ष राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि निर्माण को संतोषजनक का प्रमाण पत्र देने वाली कमेटी के तीनों सदस्यों एक्सईएन मनीष वर्मा, सहायक अभियंता वाईएस चौधरी व कनिष्ठ अभियंता डीके तंवर के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति देने से इंकार किया जा चुका है।