Markam Ganj Market in Dhampur 78 Years of Neglect and Decline बोले बिजनौर : 100 वर्ष पुरानी धामपुर मंडी में समस्याओं का अंबार, Bijnor Hindi News - Hindustan
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बोले बिजनौर : 100 वर्ष पुरानी धामपुर मंडी में समस्याओं का अंबार

Bijnor News - धामपुर की मंडी मारकम गंज आजादी के 78 सालों बाद भी बदहाल है। 100 साल पुरानी इस मंडी में अस्थाई अतिक्रमण, जाम और सुरक्षा की कमी जैसी समस्याएं हैं। व्यापारी अक्सर पुलिस के उत्पीड़न का सामना करते हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरSun, 8 June 2025 05:14 PM
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बोले बिजनौर : 100 वर्ष पुरानी धामपुर मंडी में समस्याओं का अंबार

अंग्रेजी जमाना देख चुकी धामपुर की मंडी मारकम गंज आजादी के 78 सालों बाद भी बदहाल हालात में है। 100 सालों पुरानी मंडी मारकम गंज कभी गुड़ की बिक्री के लिए अपनी पहचान रखती थी। मंडी मारकम गंज से करीब 912 गांव जुड़े हुए हैं। रोजाना हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं। इसके बावजूद मंडी सुविधाओं से वंचित है। अस्थाई अतिक्रमण और जाम लगने से कारोबारी, मंडी आने वाले दोनों परेशान हैं। सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह चरमराई हुई है। हालत यह है कि मंडी में एक पुलिस पिकेट तक नहीं है, जिससे कारोबारी खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं।

कारोबारियों का कहना है कि पालिका से कई बार मंडी द्वार के जीर्णोद्धार की मांग की जा चुकी है, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। कारोबारियों को उम्मीद है कि किसी दिन मंडी की समस्याएं दूर होंगी और उनके लिए नया सवेरा होगा। धामपुर की मंडी मारकम गंज 100 वर्षों से पुरानी बताई जाती है, जो कभी आसपास के इलाकों में भी गुड़ की मंडी के रूप में अपनी अलग पहचान रखती थी। आज मंडी मारकम गंज खुद अपनी हालत पर अफसोसजदा है। मंडी की समस्याएं ऐसी हैं कि हल होने का नाम नहीं लेतीं। मंडी में कारोबारी से लेकर खरीदार तक अस्थाई अतिक्रमण से परेशान हैं। ई-रिक्शा के जाम के झाम ने भी लोगों को कर रखा है। बाजार की सड़क पर अस्थाई अतिक्रमण से राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। टैक्स चुकाने के बावजूद व्यापारियों के कारोबार को पैठ बाजार ने संकट में डाल रखा है। मंडी कारोबारियों का कहना है कि शनिवार को जबरन साप्ताहिक बाजार लगाया जाता है। बाजार के दिन जमीन पर पैर रखने तक को जगह नहीं मिल पाती है। साप्ताहिक बाजार लगने से व्यापारियों को राजस्व का भारी नुकसान होता है। परेशानी का आलम यह है कि बाजार में दिनभर जाम की स्थिति रहती है। यहां तक की व्यापारी दिन में माल वाहक वाहनों से आने वाले सामान को भी लोड अनलोड नहीं कर पाते हैं। रात के समय ही अधिकांश वाहनों को अनलोड करना पड़ता है। जैतरा फाटक पर अंडरपास न होने की वजह से दिनभर जाम लगा रहता है। जो बड़ी मंडी के प्रवेश का मुख्य मार्ग माना जाता है। जैतरा रेलवे फाटक से ही धामपुर के व्यापारियों का आधा कारोबार चलता है। जल निकासी की हालत भी बेहतर नहीं है। जहां तहां गंदगी के ढेर लगे हैं। सुलभ शौचालय की हालत देखने लायक तक नहीं है। मंडी परिसर में स्थापित सम्राट अशोक स्तंभ के आसपास गंदगी की पसरी रहती है। स्थल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। मंडी परिसर में पुलिस पिकेट की व्यवस्था न होने की वजह से कारोबारी खुद को असुरक्षित महसूस करते है। कानून व्यवस्था चरमराई है। बाजार में आने वाले खरीदारों से चेन स्नेचिंग, पर्स, बाइक चोरी की घटनाएं होना आम है। कारोबारियों का कहना है कि पुलिस प्रशासन से कई बार मंडी परिसर में पुलिस पिकेट की व्यवस्था करने की मांग की गई, लेकिन कभी व्यापारियों की सुनवाई नहीं हुई। मंडी में दूर-दराज से व्यापारी से लेकर खरीदार सामान की खरीदरी करने आते हैं। सुरक्षा को लेकर कारोबारियों के पास कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कारोबारियों का कहना है कि पालिका से कई बार मंडी द्वार के जीर्णोद्धार की मांग की गई, लेकिन कारोबारियों की बात पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। कारोबारियों को उम्मीद है कि किसी दिन तो नया सूरज निकलेगा और और उनकी उम्मीदें को पंख लगेंगे। पुलिस करती है व्यापारियों का उत्पीड़न व्यापारी मनोज धनोरिया व नवनीत अग्रवाल का कहना है कि पुलिस का उनके साथ उत्पीड़नात्मक रवैया रहता है। व्यापारी यदि किसी माल वाहक ई-रिक्शा में सामान भरकर आसपास के गांव में भेजते हैं, तो पुलिस ई-रिक्शा को ओवर लोड बताकर चालान कर देती है। कई रिक्शा चालकों के 4 से 5 हजार रुपए तक के चालान काट दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन को व्यापारियों का उत्पीड़न बंद करना चाहिए। मंडी में नहीं प्रकाश व्यवस्था व्यापारी विपुल जैन, विवेक अग्रवाल का कहना है कि मंडी में प्रकाश की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। रात में बिजली गुल होने पर अंधेरा पसरा रहता है। नगरपालिका को जनरेटर से मंडी में पथ प्रकाश की व्यवस्था करनी चाहिए। बड़े पोल पर प्रकाश व्यवस्था के लिए एलईडी लाइट लगाई जानी चाहिए। दिन ढ़लते ही ग्राहक घरों को भागना शुरू हो जाते हैं। मंडी के प्रवेश द्वार का हो जीर्णोद्धार महेन्द्र धनोरिया, अजय अग्रवाल ने बताया कि पालिका को मंडी के चारों प्रवेश द्वार का जीर्णोद्धार होना बेहद आवश्यक है। पालिका ने कभी द्वार के जीर्णोद्धार को लेकर कदम नहीं उठाया। व्यापारियों ने कई बार अपनी मांगों को उठाया, लेकिन कभी भी पालिका के स्तर से मंडी द्वारों का जीर्णोद्धार नहीं कराया गया। आज की हालत में मंडी के द्वार जर्जर हालत में है। पुलिस पिकेट बनाई जाए व्यापारी अनिल अग्रवाल, संजय अग्रवाल ने बताया कि हर समय असुरक्षा की भावना बनी रहती है। आए दिन मंडी में चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। ग्राहकों के साथ भी साप्ताहिक बाजार में मारपीट, झगड़ा के मामले, चोरी, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं होती रहती हैं। पुलिस प्रशासन को मंडी में सुरक्षा के चलते पुलिस पिकेट की तैनाती करनी चाहिए। फाटक पर जल्द बने अंडरपास विकास अग्रवाल, निखिल अग्रवाल ने बताया कि जैतरा रेलवे फाटक के अंडरपास का निर्माण जल्द हो शुरू किया जाए। फाटक की व्यापारियों को हर साल लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान होता है। ग्राहक सीधे मंडी में प्रवेश न कर अन्य मार्गों से इधर-उधर निकल जाते हैं। रेलवे फाटक पर हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। फाटक पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई बार जाम लग जाता है। व्यापारियों के मालवाहक वाहन अंदर नहीं आ पाते हैं। दिल्ली के लिए चले ट्रेन व्यापारियों को दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन का लाभ न मिलने की वजह से भारी नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ता है। ट्रेन न होने की वजह से व्यापारियों को अपना व्यापार अन्य माध्यमों से करना पड़ता है। व्यापारियों ने रेलवे मंत्रालय से दिल्ली के लिए मुरादाबाद होकर सीधी ट्रेन चालू करने की मांग की है। तत्कालीन रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने व्यापारियों को आश्वासन दिया था की जल्द धामपुर से दिल्ली के लिए ट्रेन की व्यवस्था की जाएगी, पर ट्रेन अभी शुरू नहीं हुई। सुझाव 1. मंडी में पुलिस विकेट की व्यवस्था की जाए। 2. साफ सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। 3. प्रकाश व्यवस्था को ठीक कराया जाए। 4. शौचालय को आधुनिक रूप से तैयार किया जाए। 5. अतिक्रमण को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाए। शिकायतें 1. मंडी के प्रवेश द्वार का जीर्णोद्धार किया जाए। 2. चोरी की वारदात को रोकने के लिए पुलिस व्यवस्था की जाए। 3. अशोक स्तंभ की देखभाल पर ध्यान दिया जाए। 4. अस्थाई अतिक्रमण को होने से रोका जाए। 5. पानी की निकासी के लिए नालों का निर्माण किया जाए। --- हमारी सुनो बात बड़ी मंडी में सब्जी की अस्थाई फड़ लगने से अतिक्रमण हो रखा है। सब्जी विक्रेता व्यापारियों की संपत्ति में जबरन कब्जा किए बैठे हैं। व्यापारी परेशान रहते हैं। - मनोज धनोरिया मंडी में साप्ताहिक बाजार लगने से व्यापारियों व सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। बाहर के लोग मंडी में आकर पैठ बाजार लगाते हैं। स्थानीय व्यापारियों को घटा उठाना पड़ता है। - नवनीत अग्रवाल बाजार में अतिक्रमण होने की वजह से व्यापारियों के मालवाहक वाहन अंदर नहीं आ पाते हैं। वाहनों की आवाजाही में भारी दिक्कत उठानी पड़ती है। - विपुल जैन अस्थाई अतिक्रमण की वजह से माल वाहक वाहन सुबह-शाम ही लोड अनलोड कराने पड़ते हैं। दिनभर व्यापारी अतिक्रमण की वजह से कोई काम नहीं कर पाते हैं। - विवेक अग्रवाल अतिक्रमण के साथ ही मंडी में ई-रिक्शा के प्रवेश की वजह से हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। बाजार में आने वाले खरीदारों का निकलना दूभर रहता है। - अनिल अग्रवाल जैतरा रेलवे फाटक पर हर समय जाम लगे रहने की वजह से व्यापारियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। फाटक के गेट पर रेहड़ी ठेले वालों अतिक्रमण हो रखा है। खरीदार फाटक से बाजार नहीं आ पाते हैं। - संजय अग्रवाल मंडी आए दिन ग्राहकों की बाइक चोरी की समस्या की घटनाएं होती रहती हैं। साप्ताहिक बाजार में पुलिस की कोई तैनाती नहीं रहती। व्यापारियों और ग्राहकों में असुरक्षा की भावना बनी रहती है। - महेंद्र धनोरिया मंडी में पुलिस पिकेट ना होने की वजह चेन, पर्स स्नेचिंग की घटना होना आम बात है। कई बार शरारती तत्व वारदातों को अंजाम देकर भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकलते हैं। - अजय अग्रवाल उर्फ पिंटू ---- मंडी परिसर में बने शौचालय की हालत बदहाल है। शौचालय से दुर्गंध उठती है। व्यापारियों का शौचालय का उपयोग करना दूभर हो जाता है। गंदगी यह आलम है कभी कोई सफाई नहीं होती। - विकास अग्रवाल मंडी परिसर में अशोक स्तंभ की स्थिति बड़ी दयनीय हालत में है। पालिका कभी सम्राट अशोक स्तंभ की दुर्दशा की सुध नहीं लेती है। पालिका की अनदेखी की वजह से स्तंभ अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। - निखिल अग्रवाल

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